जब झारखंड के राज्यपाल लेने लगे हाजिरी

dr seyad ahemed khanरांची । अनिल उपाध्याय.जी सर.मो. जमालुद्दीन. अच्छा आप हैं? वरनवास टोप्पो.मंजर आलम.जयप्रकाश तिवारी, राजेंद्र साहू.चौंकिए मत, सोमवार को राज्यपाल डा. सैयद अहमद राजधानी से सटे रातू प्रखंड कार्यालय के कर्मचारियों की अटेंडेंस ले रहे हैं। बीडीओ, सीओ समेत आठ लोग गायब हैं। सब पर कार्रवाई करो- शेरवानी में लाल गुलाब के साथ फब रहे राज्यपाल की गंभीर आवाज बीडीओ के बेतरतीब दफ्तर में गूंजती है।

सोमवार को ठीक 10.45 बजे राज्यपाल डा. सैयद अहमद राजभवन में अपनी रिहायशी ऊपरी मंजिल से नीचे उतरे तो तुरंत प्रधान सचिव एनएन सिन्हा को तलब किया। कुछ गुफ्तगू की और पूर्व निर्धारित मंजिल झारखंड मंत्रालय की ओर काफिला निकल गया। चार्ली.चार्ली.ओके.सुरक्षा बलों की गाड़ियों के वायरलेस घनघना रहे हैं। हुक्म दिया गया है कि साहब प्रोजेक्ट भवन सचिवालय जाएंगे। काफिला रातू चौक की ओर मुड़ा। रास्ते में जाम में फंसते हुए काफिले ने 15 किमी की दूरी एक घंटे में तय की। रातू में कारकेड के पहुंचते ही अफरातफरी मची।

राज्यपाल के आदेश पर रातू थाने पर अधिकारी रुके। राज्यपाल धड़धड़ाते हुए थाने के भीतर चले जाते हैं। गेट के पास दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों को देख पूछते हैं कि इन्हें यहां क्यों रखा गया है? थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह कोर्ट के जरूरी कामकाज से निकले थे। तुरंत दौड़े आए और सलाम बजाई.जय हिंद। राज्यपाल ने थाने को साफ-सुथरा रखने की नसीहत दी। यह भी कहा कि इधर-उधर पड़ीं गाड़ियों को हटाइए। इसके बाद तुरंत बीडीओ के दफ्तर जा धमके। कुछ कर्मचारी दिखे, लेकिन बीडीओ नदारद। डीसी विनय कुमार चौबे ने फोन लगाया, पूछा, कहां हैं? बीडीओ ने बताया कि तिघड़ा में मजदूरी का भुगतान करने गए हैं। राज्यपाल के चेहरे से गुस्सा झलकता है। खीझकर कहते हैं, 12 बजे तक बीडीओ ही जब दफ्तर में नहीं है तो कैसे काम होगा? निलंबित कीजिए ऐसे लोगों को। सीओ आफिस में भी यही स्थिति। वहां बताया गया कि चुनाव ड्यूटी पर हैं। राज्यपाल अटेंडेंस के पन्ने को यहां भी पलटते हैं। वही स्थिति। यहां से प्रज्ञा केंद्र पहुंचे। रजिस्टर मांगा तो पता चला कि है ही नहीं। बाहर निकलते वक्त सीडीपीओ निरुपमा शंकर से पूछा, कार्यालय के बाहर पुरानी गाड़ी क्यों पड़ी है। जल्दी हटवाइए, ऑक्शन करवाइए।

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