शराब कंपनियों पर चढ़ा महिलाओं का सुरूर

liquor-companies-cheer-ladies-nights-in-india-womenमुंबई। हल्की रोशनी और संगीत के शोर में हाथ में जाम लिए झूमती युवतियां। यह नजारा विदेशी धरती पर नहीं देश के महानगरों में आए दिन देखने को मिलता है। युवतियों में पीने की बढ़ती प्रवृति को देखते हुए दिग्गज शराब निर्माता कंपनियों की नजर अब इन पर टिक गई है।

भारत में 10 अरब डॉलर के शराब उद्योग में नजर गड़ाए बैठी कंपनियां अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नित नए फंडे अपनाती है। भारत में मादक पदार्थो के प्रचार और प्रसार पर प्रतिबंध होने के कारण कंपनियां अपने अन्य उत्पादों पानी, सोडा जैसे ब्रांडों की आड़ में कई कार्यक्रमों को प्रायोजित करती हैं। जिससे कंपनी अपने शराब के कारोबार को बढ़ा सकें।

विश्व में सबसे बड़े शराब बाजार में शामिल होने के बावजूद भारत में शराब के उपभोक्ता की संख्या कई देशों से बहुत कम है। इंडिया सेंटर फॉर एल्कोहल स्टडीज [आइएनसीएएस] के अनुसार भारत में 30 फीसद पुरुष और 3 फीसद महिलाएं साल में कम से कम एक बार शराब का सेवन करती हैं। एक अन्य सर्वे के अनुसार इसकी तुलना में अमेरिका की 60 फीसद महिलाएं साल में कम से कम एक बार शराब का सेवन करती हैं।

आईएनसीएएस के अनुसार देश में आगामी पांच वर्षो में महिला शराब उद्योग में 25 फीसद बढ़त का अनुमान है, जोकि कुल शराब उद्योग के 10 फीसद बढ़ने के अनुमान से कहीं ज्यादा है। भारतीय परिवेश में आ रहे बदलाव को देखते हुए ब्रिटिश कंपनी डिएगो ने देश की बड़ी शराब निर्माता कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स के साथ अनुबंध किया है।

सबसे बड़ी घरेलू शराब निर्माता कंपनी सुला वाइनयार्ड्स के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव सामंत के अनुसार मेरी मां की पीढ़ी और अब की पीढ़ी में काफी अंतर आ चुका है। कंपनी ने दो साल पहले हल्के असर वाली दीया नाम की शराब लांच की थी। ये विशेष तौर पर महिलाओं को देख कर तैयार की गई थी।

विज्ञापन कंपनी में बड़े ओहदे पर कार्यरत 29 वर्षीय डि कोस्टा ने कहा कि वे सप्ताह में एक बार शराब का सेवन करती हैं। इसके लिए आयोजित पार्टी में लगभग 20 के करीब महिलाएं शामिल होती हैं। हल्की रोशनी में तेज संगीत के बीच थिरकते और जाम से जाम टकराते हुए वे इसका भरपूर लुत्फ उठाती हैं। इस दौरान हम अपना तनाव भूल जाती हैं।

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