धीरे-धीरे बहाल हो रही है बिजली

मंगलवार की दोपहर उत्तरी, पूर्वी और पूर्वोत्तर ग्रिड के फेल हो जाने के कारण आधे से भी ज्यादा देश की बिजली गुल हो गई. उत्तरी ग्रिड पिछले 24 घंटे में दूसरी बार ठप हुआ.

हालांकि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे के अनुसार शाम पांच बचे तक उत्तरी ग्रिड में 45 और पूर्वी में 35 फीसदी तक आपूर्ति बहाल कर दी गई. जबकि पूर्वोत्तर ग्रिड ने अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करना शुरु कर दिया.

उन्होंने बताया कि राजधानी दिल्ली को भी तकरीबन 50 प्रतिशत यानि 2000 मेगा वॉट की सप्लाई शुरु हो गई है.

जब मंगलवार को दोपहर डेढ़ बजे के करीब संकट शुरु हुआ तो दिल्ली की मांग 4 हजार मेगा वाट के करीब थी लेकिन पौने दो बजे उसे सिर्फ 38 मेगा वाट की ही सप्लाई मिल रही थी.

इन दोनों ग्रिड के फेल होने के कुछ समय बाद ही नॉर्थ-ईस्ट ग्रिड भी फेल हो गया था जिसका असर असम, मेघालय, नागालैंड,मणिपुर,मिजोरम और त्रिपुरा में लोगों के जीवन पर पड़ा.

इसकी वजह से कई जगह ट्रेनों भी रुकीं और देर शाम तक चल नहीं सकीं थीं. दिल्ली में मेट्रो ट्रेनें भी काफ़ी देर तक थमी रहीं.

ऊर्जा मंत्री शिंदे ने इससे पहले कहा था कि कुछ राज्यों के अधिक बिजली खींचे जाने की वजह से ग्रिड फेल हुआ है.

पश्चिम बंगाल में छुट्टी

इससे पहले इस संकट को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी सरकारी जल्दी बंद करके कर्मचारियों को घर जाने का आदेश जारी कर दिया.

करीब डेढ़ बजे उत्तरी ग्रिड के फेल होने का असर दिल्ली सहित पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पर पड़ा. इन राज्यों में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो गई थी.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने पूर्वी ग्रिड के भी फेल होने की ख़बर दी है. ग्रिड के फेल होने के कारण कई घंटे तक पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों, उड़ीसा, झारखंड और बिहार पर भी बुरा असर पड़ा.

पीटीआई के मुताबिक गाजियाबाद और मुगलसराय रेलवे डिवीजन के बीच करीब 125 ट्रेने रुकी .

रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने बताया कि ग्रिड के फेल होने का असर रेलवे पर पड़ा. संकट शुरु होने के साथ ही क्षेत्रीय अधिकारियों ने इंजीनियरों के साथ मिल का रेलवे के अपने बैकअप को सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया. इसके अलावा हरियाणा से बिजली मिलने के कारण दिल्ली-आगरा-मुंबई रेल मार्ग को बहाल कर दिया गया.

दिल्ली मेट्रो पर फिर मार

दिल्ली में बिजली आपूर्ति ठप होने के साथ ही मेट्रो की सेवाएं रोक देनी पड़ीं.

दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता अनुज दयाल ने बीबीसी को बताया कि बिजली जाने के 10-15 मिनट बाद सभी सेवाएं रोक दी गईं. यात्रियों के बाहर निकाला गया और नए यात्रियों के स्टेशनों में प्रवेश को रोक दिया गया.

हालांकि साढ़े तीन बजे तक कई लाइनों पर सेवाएं फिर से शुरु कर दी गईं थीं और शाम तक ये सेवा सामान्य हो गई थी.

उत्तरी ग्रिड में खराबी के चलते उत्तर भारत के कई इलाकों में रविवार देर रात तक बिजली ठप रही थी.

बिहार में रेलयात्री बेहाल

बीबीसी के बिहार संवाददाता मणिकांत ठाकुर के अनुसार बिजली बंद होने से ट्रेनों पर बहुत बुरा असर पड़ा है.

उनका कहना है कि एक बजे के बाद से जो ट्रेन जहाँ थीं वहीं ऱुकी हुई है. देर शाम तक करीब तीस यात्री और 50 मालगाड़ियां वहीं खड़ी हैं. धनबाद, दानापुर और मुगलसराय डिवीजन में सबसे ज्यादा हालत खराब है.

पटना शहर में एकाएक जेनेरेटरों का शोर बढ़ गया है. पेट्रोल पंपों पर डीज़ल की कमी हो गई है.

दूसरे शहरों में भी अमूमन इसी तरह की स्थिति है.

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्थिति सुधरने में कई घंटे लग सकते हैं.

पश्चिम बंगाल में खदानकर्मी फँसे

बीबीसी के पश्चिम बंगाल संवाददाता अमिताभ भट्टासाली के अनुसार बर्धमान जिले के आसनसोल में कम से कम चार कोयला खदानों में दो सौ से अधिक खदान कर्मी गहरे खदानों में फँसे हुए हैं.

सरकार ने कहा है कि उन्हें निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं और जल्दी ही निकाल लिया जाएगा.

इसके अलावा प्रदेश में रेल यातायात ठप पड़ गया है.

सिर्फ़ कोलकाता मेट्रो ट्रेन संचालित हो पा रही है क्योंकि उसकी बिजली आपूर्ति कोलकाता पॉवर कॉर्पोरेशन से होती है, पॉवर ग्रिड से नहीं.

उनका कहना है कि सैकड़ों लोग रेलवे स्टेशनों पर या तो अपनी ट्रेनों का इंतज़ार कर रहे हैं या फिर किसी और के आने का.

सोमवार को पॉवर ग्रिड बंद होने का असर अभी भी ट्रेनों पर खत्म नहीं हुआ था कि एक बार फिर ट्रेनें रुक गई हैं.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि जहाँ भी संभव हो डीज़ल इंजिन लगाकर ट्रेनों को स्टेशनों तक पहुँचाने की व्यवस्था की जाए.

राजस्थान-उत्तर प्रदेश में धीरे-धीरे बहाली

राजस्थान से नारायण बारेठ ने ख़बर दी है कि पॉवर ग्रिड बंद होते ही प्रदेश के सभी 22 बिजली घरों में उत्पादन बंद हो गया.

ढाई तीन लाख औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन प्रभावित हुआ है और अस्पतालों में कामकाज प्रभावित हुआ है.

पूरे प्रदेश में पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है.

चूंकि राज्य में रेल मार्गों का विद्युतीकरण बाक़ी प्रदेशों की तुलना में कम है इसलिए यहाँ रेल यातायात बिहार और उत्तर प्रदेश की तरह प्रभावित नहीं हुआ है.

प्रशासन ने अब धीरे-धीरे बिजली बहाली शुरु की है. शाम चार बजे तक जयपुर में बिजली आ गई थी और इसके बाद संभागीय मुख्यालयों, जैसे जोधपुर, बिकानेर आदि में बिजली बहाल की जा रही है.

बीबीसी संवाददाता रामदत्त त्रिपाठी के अनुसार पॉवर ग्रिड फेल होने के तीन घंटे बाद अब लखनऊ के कुछ हिस्सों में बिजली आ गई है.

उनका कहना है कि ट्रेनों के लिए भी धीरे-धीरे बिजली दी जा रही है.

एनटीपीसी के सिंगरौली और ऊँचाहार स्टेशनों से बिजली मिलने से प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी बिजली दी जा रही है.

 

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