ठाणे हादसा: नौ माह की बच्ची ने दी मौत को मात

thane-building-collapse-nine-month-old-sruvives-in-debrisमुंबई। मुंबई में ठाणे जिले के मुंब्रा उपनगर की ध्वस्त हुई इमारत ने जहां 72 लोगों की जान ले ली वहीं इस हादसे में एक नौ माह की बच्ची को मलबे के नीचे से सुरक्षित निकाल लिया गया। राहत कर्मियों को इस बात की कम ही उम्मीद थी कि यहां पर कोई जिंदा भी निकल सकता है। लेकिन जब नौ माह की बच्ची को सुरक्षित निकाल लिया गया तो राहतकर्मियों के चेहरे पर संतोष का भाव था।

इस नन्हीं जान को तुरंत कालवा के छत्रपति शिवाजी अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया गया। लेकिन वहां पर राहत कार्यो में जुटे लोगों को इस बात की ललक जरूर रह गई कि इस बच्ची के परिजनों का वह कोई सुराग तलाश नहीं कर सके।

अस्पताल में इस नन्हीं परी के आने के बाद से ही वह सभी की निगाहों में आ गई। सभी इसके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे थे। अस्पताल के गार्ड से लेकर नर्स तक उसको सहला कर प्यार कर रही थीं। हालांकि इस बच्ची को चोट नहीं आई थी, लेकिन आठ मंजिला इमारत के मलबे में तब्दील हो जाने के बाद इसका बचना सभी के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।

अस्पताल के स्टाफ को उम्मीद थी कि इस बच्ची की तलाश में उसका कोई न कोई परिजन जरूर यहां तक आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बच्ची के लिए अस्पताल में मौजूद गार्ड रेखा जहां दूध लेकर आई और उसको पिलाया वहीं सिद्धराम उसके लिए डाइपर्स लेकर आया, तो कोई कुछ और लेकर आ गया। रेखा को अफसोस था कि इस प्यारी सी बच्ची को लेने के लिए वहां उसका कोई परिजन नहीं आया, वहीं सिद्धराम का कहना था कि वह उसको अकेला महसूस नहीं होने देना चाहते हैं। उनका कहना था कि वह उनके परिवार का हिस्सा है।

अस्पताल में हर कोई इस बच्ची को सीने से लगाकर उसको प्यार और सुरक्षा देने की कोशिश कर रहा था। वहीं कुछ स्वयंसेवकों ने बच्ची के परिजनों को तलाश करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली है। यह दल दूसरे अस्पतालों में जाकर बच्ची के परिजनों की तलाश में जुट गया है।

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