नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में पिछले महीने वसंत विहार गैंगरेप मामले के मुख्य आरोपी राम सिंह द्वारा संदिग्ध हालात में फांसी लगा लेना। इसके बाद इसी मामले के दूसरे आरोपी विनय का यह आरोप कि जेल के भीतर अन्य कैदियों ने पीटकर उसके हाथ ही हड्डी तोड़ डाली। इसके अलावा आए दिन ब्लेडबाजी, खुदकुशी की कोशिश, जैसे गंभीर मामले यह बताने के लिए काफी हैं कि तिहाड़ में बंद मुजरिम महफूज नहीं हैं।
दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ की अंदरूनी सुरक्षा को लेकर वर्षो पहले योजना तो ऐसी बनी कि यदि किसी वार्ड में कुछ भी हो उसकी लाइव तस्वीर तिहाड़ मुख्यालय में दिखाई देगी। बावजूद इसके सुरक्षा संबंधी दूसरे चरण की योजना परवान नहीं चढ़ने से अंदरूनी सुरक्षा के अभी भी अधूरी है।
हाईकोर्ट ने अंदरूनी सुरक्षा मजबूत करने के लिए करीब डेढ़ साल पहले तिहाड़ में अतिरिक्त जैमर व सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश दिया था। बावजूद इसके अभी तक अतिरिक्त जैमर व सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे। जेल संख्या सात में एक भी जैमर नहीं लगा है। इसके चलते इस जेल में मोबाइल नेटवर्क जाम नहीं हो पाता।
तिहाड़ जेल की तीन स्तरीय सुरक्षा इतनी सख्त है कि सुरक्षाकर्मियों की इजाजत के बिना कोई अंदर दाखिल नहीं हो सकता। अंदरूनी सुरक्षा मजबूत करने की योजना के पहले चरण में आठ जैमर और 256 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। तिहाड़ का 400 एकड़ में फैला परिसर इतना बड़ा है कि मौजूदा व्यवस्था कम पड़ रही है। तिहाड़ प्रशासन ने दूसरे चरण में 21 जैमर व 243 सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना तैयार की। जो लंबे समय से अधर में है। सालभर पहले जेल प्रशासन ने टेंडर आवंटित कर दिया था पर यह किसी करणवश रद हो गया। दोबारा टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।
तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील गुप्ता के अनुसार जल्द ही अतिरिक्त जैमर व सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि पहले से मौजूद जैमर की क्षमता बढ़ा दी गई है।