लखनऊ । दिवंगत पुलिस उपाधीक्षक केपी सिंह की बेटी किंजल सिंह व परिवार के अन्य सदस्यों के लंबे संघर्ष ने शुक्रवार को एक अहम पड़ाव पार कर लिया। कोर्ट परिसर से बाहर आते ही किंजल सिंह को मीडियाकर्मियों ने घेर लिया। कुछ दूर चलने के बाद बरामदे की सीढि़यों से पहले किंजल के रुकते ही मीडियाकर्मियों ने कोर्ट के फैसले के बाबत जैसे ही सवाल पूछे, किंजल सिंह कैमरे की ओर देखते ही फफक पड़ीं।
बस इतना ही बोल सकीं .आइ कांट स्पीक। इसके बाद उनकी आंखों से निकल रहे आंसू नहीं थमे। मानो अपने दिवंगत पिता केपी सिंह की तस्वीर उनकी आंखों के सामने आ गई हो। तब आइएएस अधिकारी पति अभय सिंह ने किंजल को संभाला। रुंधे गले से किंजल ने कुछ कहना चाहा पर अगले ही क्षण वह फिर रो पड़ीं। तब अभय सिंह ने मीडियाकर्मियों की भीड़ के बीच से पत्नी किंजल को सहारा देकर पास खड़ी कार तक पहुंचाया।
फांसी की सजा सुन उड़ा चेहरों का रंग
रौशनुद्दौला कोर्ट परिसर में शुक्रवार दोपहर 12 बजे लोगों की चहल कदमी अचानक बढ़ गई। कथित मुठभेड़ के आरोपी आठ पुलिसकर्मियों को कड़े सुरक्षा घेरे में कोर्ट परिसर के भीतर लाया गया। कभी खुद आरोपितों को पकड़कर थाने व कचहरी ले जाने वाले ये पुलिसकर्मी खुद खाकी से घिरे थे और उनके चेहरों के रंग उड़े थे। बाहर उनके परिवारीजन, पीड़ित परिवारों के सदस्य व मीडियाकर्मियों का जमावड़ा था।
कोर्ट परिसर में हर किसी की नजर मामले के मुख्य आरोपी तत्कालीन एसओ कौड़िया आरबी सरोज को ढूंढ़ रही थी। भीतर न्यायालय कक्ष में क्रीम रंग का सफारी सूट पहने बैठे आरबी सरोज सिर झुकाए थे। वहीं पीछे की ओर फर्जी मुठभेड़ का शिकार हुए तत्कालीन क्षेत्राधिकारी सदर केपी सिंह की बेटी डीएम बहराइच किंजल सिंह, उनके पति आइएएस अधिकारी अभय सिंह व किंजल की चाची बैठी थीं। तीनों की नजरें कोर्ट की कार्रवाई पर थीं। किंजल बड़े गौर से जिरह सुन रही थीं। इस दौरान अभय अपनी पत्नी किंजल को ढांढस बंधा रहे थे। दोपहर एक बजकर 35 मिनट पर आरबी सरोज सहित तीन पुलिसकर्मियों को फांसी व पांच को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने की सूचना जैसे ही न्यायालय परिसर में आम हुई, एक अजीब सी सरगर्मी हुई। भीतर आरोपित पुलिसकर्मियों के चेहरों का रंग उड़ गया। आंखें नम हो गई। किसी ने अंगौछा तो किसी ने शर्ट की आस्तीन को आंख तक पहुंचाकर खुद को संभाला। वहीं बाहर आरोपित पुलिस कर्मियों के परिवारीजन फफक पड़े। उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। इसी भीड़ के बीच पीड़ित परिवार के लोगों की आंखें भी भर आई, जो बरसों से न्याय का इंतजार कर रहे थे। वह इस कदर भावुक हो गए कि आंसुओं को रोक नहीं पाए।