जालंधर। मामला खाकीधारी एक अधिकारी से जुड़ा है। जालंधर में तैनात महोदय को दो बार मोहल्ले के लोगों ने जमकर धुना है। फिर भी पुलिस विभाग छह महीने में बाहरवाली के चक्कर में दो बार धुने गए इस अधिकारी को बचाने में जुटा है।
पंजाब में धीरे-धीरे खाकी का रौब (खौफ) किस कदर कम हो रहा है, इसका अंदाजा पुलिस पर होने वाले हमलों की बढ़ोत्तरी से लगाया जा सकता है। पंजाब के विभिन्न हिस्सों के साथ जालंधर भी खाकी वाले की पिटाई के मामले को लेकर चर्चा है। जालंधर में तैनात एक खाकीधारी को भार्गव कैंप इलाके के लोगों ने छह महीने में दो बार सार्वजनिक तौर पर जमकर धुना है। महोदय के आका केसरिया रंग से रंगे हैं और महोदय खुद खाकी से। इसलिए सार्वजनिक तौर पर किसी अधिकारी की पिटाई पुलिस के लिए सबक भी है और चिंता का विषय भी है।
विभाग ने अपने अधिकारी को पहली नजर में गलत मानते हुए विभागीय कार्रवाई कर दी है। सत्ता के गलियारे में भी इस पिटाई के बाद बहस छिड़ गई है। हालांकि विभाग के एक भी बड़े अधिकारी ने अब तक पहल करके मामले की गंभीरता को समझने की कोशिश नहीं की है। अगर हालात यही रहे तो लोगों के बीच अपनी साख खोती जा रही खाकी को पिटने के बाद लुटते हुए देखने के लिए शायद लंबा इंतजार न करना पड़े। खैर कुछ भी हो जालंधर में इस आशिकी कांड की खासी चर्चा है और लोग फिर इंतजार कर रहे हैं महोदय तीसरी बार कब भार्गव कैंप मोहल्ले में दिखाई देते हैं।