मौजूदा लोकसभा के साथ जुड़ेगा सबसे कम काम करने का इतिहास

lokshabhaनई दिल्ली। 15वीं लोकसभा जब खत्म होगी तो इसके साथ एक अजीब ऐतिहासिक तथ्य जुड़ जाएगा। आजाद भारत के इतिहास में मौजूदा लोकसभा में सबसे कम घंटे तक काम हुआ या यूं कहें कि सदन का ज्यादातर समय हंगामे की भेंट चढ़ गया।

लोकसभा सचिवालय द्वारा संकलित आंकड़े के अनुसार, 2009 से शुरू हुए मौजूदा लोकसभा के चार वर्षो के कार्यकाल में सदन में 12 सत्रों में मात्र 1157 घंटे कार्य हुए। इससे पहले 14वीं लोकसभा के पांच वर्षो के कार्यकाल में सदन में मात्र 1737 घंटे ही कामकाज हुए।

यह आंकड़ा दर्शाता है कि वर्तमान यूपीए सरकार के पिछले नौ वर्षो के शासनकाल में लोकसभा सबसे कम समय के लिए बैठी। जबकि 13वीं लोकसभा में वाजपेयी के कार्यकाल में सदन ने 1946 घंटे कार्य किए थे।

9वीं, 11वीं, 12वीं कुछ ऐसी लोकसभा थी जिसमें पिछली लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल के 1737 घंटे से कम कार्य हुए थे लेकिन इनमें से किसी ने भी अपने कार्यकाल पूरे नहीं किए थे। 1989-1991 के बीच लगभग 9वीं लोकसभा ने दो वर्षो के कार्यकाल में 754 घंटे, 1996-1997 के बीच 11वीं लोकसभा के लगभग एक वर्ष के कार्यकाल में 814 घंटे और 1998-1999 के बीच 12वीं लोकसभा के एक वर्ष के कार्यकाल में 575 घंटे तक सदन की कार्यवाही चली थी। महत्वपूर्ण तथ्य तो यह है कि 1977-1979 के बीच 6वीं लोकसभा ने महज दो साल के कार्यकाल में ही 1753 घंटे काम करने का आंकड़ा छू लिया था।

मौजूदा लोकसभा में 22 अप्रैल से शुरू हुए बजट सत्र के बाद से सदन कोई भी महत्वपूर्ण कार्य निपटाने में विफल रहा है। ऐसा देखा गया है कि सदन में कामकाज के प्रत्येक घंटे में आधा घंटा अवरोधों और स्थगन में ही गुजर गया। इस तरह की प्रवृत्ति निश्चित ही खतरनाक स्थिति की ओर इशारा कर रहा है जिसे हर हाल में रोकना आवश्यक है।

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