चीन को सबक सिखाने की तैयारी में जुटी सेना

india with china flagनई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भीतर घुसपैठ पर अड़ियल रुख दिखा रहे चीन को अब सख्त संदेश देने के विकल्पों पर मंथन शुरू हो गया है। सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने बुधवार को मौजूदा हालात और सैन्य विकल्पों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति को ब्योरा पेश किया। जरूरत पड़ने पर सरकार के आगे ऑपरेशन पराक्रम को फिर से आजमाने का मौका है।

भारतीय हद में 19 किमी भीतर लगे चीनी तंबुओं की रसद आपूर्ति काटने से लेकर जवाबी पैंतरों के कई विकल्प सरकार के आगे हैं। इस बीच, मई दिवस के मौके पर दोनों पक्षों के बीच चीनी सीमा में हुई बैठक भी रस्मी ही साबित हुई। राजनयिक व सैन्य स्तर पर अब तक समाधान की तमाम कोशिशों के बावजूद चीनी रुख से यह स्पष्ट हो गया है कि उसकी नीयत तंबुओं को हटाने की नहीं है।

सूत्रों के मुताबिक लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में 15 अप्रैल से लगे चीनी कैंप में बढ़ी सैनिकों की तादाद और रसद आपूर्ति के लिए गाड़ियों की आवाजाही का लगातार जारी सिलसिला भी चीनी नीयत की गवाही दे रहा है। सेना इस मामले की कमान संभाल रहे चाइना स्टडी ग्रुप के आगे भी आक्रामक सैन्य विकल्प रख चुकी है।

सूत्रों के मुताबिक चीनी तंबुओं की रसद आमने-सामने जमे मोर्चे से करीब 25 किमी दूर चिप चेप स्थित चीनी बॉर्डर डिफेंस रेजीमेंट की स्थायी चौकी से आ रही है। इस इलाके की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए जरूरत पड़ने पर भारतीय सैन्य दस्ते चीनी सैनिकों की नजर में आए बिना पीछे से उनकी रसद लाइन काट सकते हैं।

सैन्य विकल्पों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन को उसी पैंतरे से जवाब देते हुए अन्य किसी क्षेत्र में तंबू लगाने जैसा दांव भी शामिल है। चीनी रणनीति केमद्देनजर भारत ने लेह स्थित 14वीं कोर में अपने सैनिक जमावड़े को भी तैयार रखा है। इसके अलावा अन्य संवेदनशील इलाकों में भी सैन्य तैनाती को मजबूत व तैयार रखा गया है।

बीते एक पखवाड़े से जारी गतिरोध के बीच बुधवार को पहली बार चुशूल इलाके में चीनी क्षेत्र में दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की बैठक हुई। मई दिवस के मौके पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत हुई इस बैठक में भी कोई बात नहीं बन पाई।

महत्वपूर्ण है कि 16 अप्रैल से कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर हो रही बातचीत का अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका। हालांकि चीन को लेकर सरकार के बीच जारी मंथन में अभी विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के बीजिंग दौरे में कोई बदलाव का फैसला नहीं हुआ है।

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