एयर होस्टेस के भरोसे विमान छोड़ पायलट ने फरमाया आराम

pilots-sleep-as-flight-attendant-turns-oमुंबई। गत 12 अप्रैल को एक बड़ी हवाई दुर्घटना होते-होते टल गई। 166 यात्रियों को बैंकाक से लेकर दिल्ली आ रहा एयर इंडिया का विमान हवा में 20 से अधिक मिनट तक भगवान भरोसे रहा। उड़ान के पायलट और सहायक पायलट जहाज को ऑटो पायलट मोड में डालकर बिजनेस क्लॉस में आराम फरमाते रहे। इस दौरान दो एयर होस्टेस ने कॉकपिट में बाकायदा पायलट सीट पर बैठकर उड़ान संचालित किया।

हद तो तब हो गई जब एक एयर होस्टेस ने गलती से ऑटो पायलट बटन को स्विच ऑफ कर दिया। यानी यात्रियों की जान को जोखिम में डालने का पूरा इंतजाम कर दिया। लेकिन विमान के डांवाडोल होते ही पायलट ने हालात को फौरन काबू में कर लिया। एयर इंडिया ने हालांकि इस आशय की मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, परंतु कॉकपिट में आवश्यकता से अधिक समय तक रहने के आरोप में दोनों एयर होस्टेस के साथ सहायक पायलट को भी निलंबित कर दिया है।

देश की सरकारी एयरलाइंस ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर इस घटना के बारे में सफाई दी है। एयर इंडिया का कहना है कि उड़ान के दौरान एक भी क्षण ऐसा नहीं रहा, जब कॉकपिट में कोई न कोई पायलट मौजूद न रहा हो। कॉकपिट में पायलट की मौजूदगी हर समय रही। लेकिन जांच में पाया गया कि एयर होस्टेस कॉकपिट में आवश्यकता से अधिक समय तक रहीं, जिसके कारण उन्हें निलंबित किया गया है। जबकि ध्यान कहीं और होने के कारण सहायक पायलट का हाथ गलती से ऑटो पायलट मोड के बटन पर पड़ गया और वह कुछ क्षण के लिए स्विच ऑफ हो गया। पूरे मामले की जांच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय [डीजीसीए] को सौंपी गई है।

नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाएं एक संवेदनशील मसला है। हमारे लिए सुरक्षा की चिंता सर्वोपरि है। सुरक्षा के साथ खिलवाड़ सहन नहीं किया जा सकता है। अभी निलंबन की कार्रवाई की गई है, आगे की जांच के आधार पर दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। नियमानुसार एयर होस्टेस कॉकपिट में एक निर्धारित समय के लिए ही जा सकती हैं। मसलन खाना, चाय या फिर पानी देने के लिए वह कुछ समय के लिए ही कॉकपिट में रह सकती हैं। उन्हें सर्विस टाइम से ज्यादा कॉकपिट में रहने की इजाजत नहीं है।

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