भांजे की ‘घूसखोरी’ पर बंसल मामा बोले, मेरा कोई लेना-देना नहीं

pawan kuamar bansalनई दिल्ली। रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने अपने भांजे की गिरफ्तारी और उस पर लगे घूस लेने के आरोप से अपना पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा कि है कि वह इस मामले के बारे में नहीं जानते हैं, इसका सरकारी कामकाज से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी काम-काज में रिश्तेदारों का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। गौरतलब है कि शुक्रवार को रेल मंत्री के भांजे विजय कुमार सिंगला को सीबीआइ ने नब्बे लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा था। यह रकम उन्हें बतौर रिश्वत दो दिन पहले ही रेलवे बोर्ड के सदस्य बनाए गए महेश कुमार ने भिजवाई थी।

सीबीआइ ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही संसद न चलने के आसार और बढ़ गए हैं, क्योंकि अब प्रधानमंत्री और अश्रि्वनी कुमार के साथ-साथ पवन बंसल भी विपक्ष के निशाने पर होंगे। विपक्ष इस मामले में रेल मंत्री पर घूस लेने का आरोप लगा रहा है और उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। भाजपा का कहना है कि यह घूस रेल मंत्री के इशारे पर ही ली गई है।

सीबीआइ ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में विजय कुमार सिंगला को संदीप गोयल और मंजूनाथ नाम के दो मध्यस्थों के साथ गिरफ्तार किया। सिंगला का कहना है कि यह रिश्वत हाल में रेलवे के महाप्रबंधक से मेंबर [स्टाफ] नियुक्त किए गए महेश कुमार की ओर से पहुंचाई गई थी। माना जा रहा है कि उनकी निगाह रेलवे बोर्ड के मेंबर [इलेक्ट्रिकल] पर थी। दिल्ली से मुंबई पहुंचते ही महेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया। वह मध्य रेलवे मुंबई में महाप्रबंधक थे। एक दिन पहले ही उन्होंने रेलवे बोर्ड में मेंबर स्टाफ का पदभार ग्रहण किया था।

 

सीबीआई ने रेल मंत्री पवन बंसल के भांजे विजय कुमार सिंगला को नब्बे लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा है। मंत्री के भांजे के हाथों घूस लिए जाने की घटना ने मंत्री जी को कठगरे में खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रही है वहीं दूसरी ओर आम जनता भी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर उन्हें खरी-खोटी सुना रही है।

-दीपिका लिखती हैं कि पहले सोनिया गांधी के दामाद का वाड्रा मामला, फिर चिदंबरम की पत्नी का नाम चिट फंड घोटाले में शामिल और अब रेल मंत्री के भांजे का नाम घूसखोरी में लिया जा रहा है। इस सरकार का क्या होगा। ये एक भ्रष्ट सरकार है।

-समीरा लिखती हैं कि इस मामले के बाद भी रेल मंत्री रिजाइन नहीं देंगे। कितने भी बड़े खुलासे हो जाए लेकिन कोई भी मंत्री इस्तीफा नहीं देते।

– सचिन लिखते हैं कि शर्म इन मंत्रियों की सरकार को नहीं आनी चाहिए बल्कि हमें और तुम्हें आनी चाहिए जो हर बार इस सरकार को चुनती हैं।

– कृतिका लिखती हैं कि अब विपक्ष को एक और मौका मिल गया। अब सोमवार को संसद की कार्रवाई नहीं चलेगी।

-अर्चना लिखती हैं कि बेटी-बेटा, पत्नी दामाद, भांजा इन कांग्रेसियों के तो रगों में ही भ्रष्टाचार का खून दौड़ रहा है।

-हर्षिता लिखती हैं कि मात्र नब्बे लाख रुपये क्यों? भांजे ने मामा की इज्जत का भी ख्याल नहीं रखा कम से कम 1 करोड़ रुपये की घूस तो लेनी चाहिए थी।

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