चीन से नए सैन्य सहयोग करार की उम्मीद नहीं

china flagनई दिल्ली। चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग की रविवार से शुरू हो रही भारत यात्रा में सीमा मामले पर नए सैन्य सहयोग समझौते की उम्मीद नहीं है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति ने चीन की ओर से सीमा मामले पर सहयोग के लिए भेजे गए प्रस्तावति समझौते पर भी चर्चा की।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में हुई समिति की बैठक में केकियांग के भारत दौरे में होने वाले समझौतों और चर्चा के एजेंडा को भी शक्ल दी गई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में सीमा मामलों पर चीन की ओर से दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए प्रस्तावित समझौते पर बात हुई।

बताया जाता है कि चीन की ओर से इस प्रस्ताव के तहत सीमा पर दोनों मुल्कों के गश्ती दस्तों के बीच तालमेल बनाने के लिए पूर्व सूचना की भी बात कही गई थी। हालांकि इस प्रस्ताव को लेकर भारतीय सेना की कुछ आपत्तियां है।

सूत्रों के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी हद तक गश्त करने के लिए किसी दूसरे देश को इसकी पूर्व सूचना नहीं दी जा सकती। ऐसे में केकियांग के दौरे में नए समझौते की उम्मीद धुंधली है।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि चीन की ओर से कुछ माह पहले भेजे गए प्रस्ताव मेज पर मौजूद है और इन पर संबंधित पक्षों के साथ गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल को भारतीय गश्ती दल को लद्दाख के दिपसांग इलाके में चीनी सेना के तंबुओं का पता लगा था। इसके बाद भारतीय सेना ने भी आमने-सामने का मोर्चा खोल दिया था। तीन हफ्ते तक कूटनीतिक स्तर पर चली कोशिशों के बाद 6 मई को चीनी सेना ने अपने तंबुओं को हटाया। हालांकि इस मामले ने दोनों देशों के बीच अनसुलझी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बिंदुओं को जरूर उभार दिया।

सूत्रों के मुताबिक वार्ता के दौरान भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा को चिन्हित करने के लिए अपनी ओर से रखे गए प्रस्ताव पर फिर से विचार करने का आग्रह करेगा। इसके अलावा ब्रह्मपुत्र पर दोनों देशों के साझा निगरानी तंत्र बनाने को लेकर रखे गए अपने प्रस्ताव पर जल्द फैसला करने का भी भारत की ओर से आग्रह होगा।

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