केदारघाटी में रेस्क्यू पूरा, अब बदरीनाथ व गंगोत्री पर फोकस

28_06_2013-28rescueगढ़वाल [जागरण टीम]। सेना ने केदारनाथ में रेस्क्यू अभियान पूरा कर लिया है। अब उसका फोकस बदरीनाथ व गंगोत्री रूट पर है। उधर, केदारनाथ में तलाशे जा रहे शवों के अंतिम संस्कार की तैयारी में शुक्रवार को भी प्रशासन की टीम जुटी हुई है। दूसरी ओर, खाद्यान्न लेकर जा रहा पवन हंस हेलीकॉप्टर उत्तरकाशी के हर्षिल हैलीपैड पर अनियंत्रित होकर गिर गया। हालांकि दुर्घटना में किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है।

थल सेनाध्यक्ष विक्रम सिंह ने शुक्रवार को गौचर पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि अब बदरीनाथ में फंसे यात्रियों को निकालने के साथ ही हर्षिल व गंगोत्री में बाकी बचे स्थानीय लोगों को निकालने पर रेस्क्यू अभियान फोकस है। सरकार को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया जाएगा। गौचर पहुंचे थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि कठिन चुनौतियों के बावजूद सेना ने साहस का जो परिचय दिया, वह काबिलेतारिफ है। उन्होंने कहा कि अभी बदरीनाथ में यात्री फंसे हैं। इन्हें हेली रेस्क्यू के साथ ही पैदल मार्ग से सुरक्षित निकालने पर ही रेस्क्यू अभियान को फोकस कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि दोपहर को सरकार को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया जाएगा।

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उधर, चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी में सड़कों से कटे गांवों को अब भी राहत का इंतजार है। स्थानीय प्रशासन ऐसे गांवों में खाद्यान्न समेत आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को जुट गया है।

केदरनाथ के जंगलों में फंसे यात्रियों को सकुशल निकालने का सेना, आइटीबीपी व एनडीआरएफ का अभियान समाप्त हो चुका है। केदारनाथ में पुलिस व प्रशासन की टीम बचे शवों के अंतिम संस्कार को जुटी हुई है।

रुद्रप्रयाग जनपद में अभी भी रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे कई स्थानों पर अवरुद्ध है। ऐसे में इस मार्ग से सटे गांवों में खाद्यान्न संकट बना हुआ है। स्थानीय प्रशासन भी ऐसे गांवों में राहत को जुट गया है। चमोली जनपद में बदरीनाथ पैदल मार्ग पर लामबगड़ के पास बनाए गया अस्थाई पुल शुक्रवार सुबह को भी टेढ़ा हो गया। ऐसे में सेना इसे ठीक करने में जुटी हुई है। चार हेलीकॉप्टर के जरिये बदरीनाथ में फंसे लोगों को निकाला जा रहा है। साथ ही पैदल मार्ग से भी यात्रियों को जोशीमठ तक लाने का कार्य शुरू हो चुका है।

उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमुनोत्री रूट अभी भी कई स्थानों पर बंद हैं। इन दोनों रूट से सभी यात्रियों को निकाला जा चुका है। अब गंगोत्री व हर्षिल में दुकानदार, तीर्थ पुरोहित आदि ही हैं। इन्हें भी सुरक्षित निकालने के लिए हेली रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है।

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