दिल्ली: विभागीय उपेक्षा से नहीं मिल रहीं सुविधाएं

30_06_2013-khelsuvidhaनई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में आज भी खेल, मनोरंजन, पर्यटन व सार्वजनिक प्रसाधन की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। हालांकि योजनाएं तो बहुत बनीं, लेकिन सरकारी उपेक्षा के कारण वर्षो से अधर में लटकी हैं। खेल व मनोरंजन सुविधाओं के विकास में सबसे बड़ी बाधा किसी एक विभाग की जिम्मेदारी का न होना है।

लटकी हैं दर्जन भर योजनाएं :

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) व नगर निगम ने खेलों से संबंधित लगभग दर्जन भर योजनाएं बनाई हैं। इनमें से ज्यादातर डीडीए की हैं। इनमें द्वारका व यमुना पार में दो फुटबाल स्टेडियम, द्वारका में गोल्फ कोर्स, तीन स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स व नरेला में स्टेडियम की योजना है। उधर, नगर निगम ने निजामपुर व मादीपुर में स्टेडियम बनाने की योजना बनाई है। इन पर काम नहीं हो पाया है।

फुटबाल स्टेडियम का डिजाइन भी तैयार नहीं :

द्वारका सेक्टर-19 व यमुनापार में दो फुटबाल स्टेडियम बनाए जाने हैं। द्वारका में प्रस्तावित स्टेडियम का बजट सौ करोड़ है। डिजाइन में खामी होने के कारण इसे स्वीकृति नहीं मिली। यही हाल डीडीए की अन्य परियोजनाओं का है। किसी भी परियोजना की डिजाइन तैयार नहीं है। यमुनापार में प्रस्तावित फुटबाल स्टेडियम की योजना को डीडीए एक तरह से रद कर चुका है।

स्टेडियम की राह में रोड़ा :

नजफगढ़ में जहां स्टेडियम बनना था, उस जगह से हाईवे निकल रहा है। हाइवे स्टेडियम के लिए प्रस्तावित जमीन के बीच से निकलना है। इसके चलते स्टेडियम की योजना ठंडे बस्ते में चली गई।

मिनी फुटबाल ग्राउंड का रखरखाव ठीक नहीं :

डीडीए ने जसोला, द्वारका, मंडावली, विकासपुरी, लॉरेंस रोड, केशवपुरम, कृष्णानगर, वजीराबाद, समता स्थल, जहांगीरपुरी, रोहिणी, मंगोलपुरी, झील, वेलकम, वसंतकुंज, नसीरपुर आदि इलाकों में 24 मिनी फुटबाल ग्राउंड बनाने की योजना बनाई थी। 1इसमें से करीब 17 बनाए गए। ज्यादातर स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स में बने हैं। वहां उन्हीं बच्चों को खेलने की इजाजत है, जो प्रवेश शुल्क देते हैं। द्वारका, मंडावली, विकासपुरी में फुटबाल ग्राउंड का रखरखाव ठीक नहीं है। द्वारका मिनी फुटबॉल ग्राउंड में झाड़ियां उग आई हैं।

नहीं बना इंडोर स्टेडियम :

नगर निगम ने राष्ट्रमंडल खेल से पहले निजामपुर में करीब पांच एकड़ जमीन में इंडोर स्टेडियम बनाने की योजना तैयार की थी। इसका शिलान्यास 2010 में किया गया था। उस समय कहा गया था कि यहां साइकिल ट्रैक, बास्केट बॉल कोर्ट बनेगा। कुश्ती की सुविधा होगी। लेकिन, यहां आधा-अधूरा ही काम हुआ है।

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