ऐश करने के लिए खून बेचते हैं इंजीनियरिंग छात्र

इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र खून के धंधे में शामिल हो सकते हैं? एकाएक इस बात पर यकीन नहीं होता, लेकिन पुलिस के हत्थे चढे़ लुटेरों ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है। पकड़े गए हिमांशु साहू का कहना है कि नैनी स्थित दो कालेजों के छात्र पैसों के लिए अपना खून बेचते हैं। यह छात्र खून के सौदागरों के मोहरे बनकर इस काले कारोबार में शामिल हो गए हैं।

हिमांशु बिचौलिया बनकर खून की सप्लाई करता है। गोरखधंधे में कई प्राइवेट अस्पताल और वहां के डॉक्टर भी शामिल हैं। हिमांशु से पूछताछ कर पुलिस खून के सौदागरों को दबोचने की कोशिश में जुट गई है। धंधेबाजों का कहना है कि छात्र ऐश करने को खून बेचकर पैसे हासिल करते हैं।

खुल्दाबाद समेत शहर में लूट की कई वारदात करने वाले हिमांशु, पवन, सूद, सुफियान, नीरज और महमूद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को एसएसपी मोहित अग्रवाल ने आरोपियों को प्रेस कांफ्रेंस में पेश किया तो शहर में खून के गोरखधंधे का भी भंडाफोड़ हो गया। मुख्य आरोपी हिमांशु साहू पुत्र रामबाबू निवासी पूरामुफ्ती कौशांबी ने बयान दिया कि वह लूट के साथ ब्लड के धंधे में भी शामिल है।

हिमांशु का कहना है कि नैनी के दो इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र तीन से चार हजार रुपए में अपना खून बेचते हैं। करीब दो साल से वह दर्जनों छात्रों को रुपए देकर खून हासिल कर चुका है। हिमांशु खून दिलवाने के एक हजार रुपए लेता है। दो हजार रुपए छात्रों का मिलते हैं। इसके अलावा यदि अस्पताल या फिर डॉक्टर के मार्फत खून मरीज तक पहुंचा तो उनका कमीशन भी दिया जाता है।

एसपी सिटी शैलेश यादव के मुताबिक, हिमांशु के साथ ही पूरामुफ्ती कौशांबी के रवि वर्मा और राम का नाम सामने आया है। ये लोग ब्लड के सौदागर हैं। छात्रों के अलावा इन शातिरों ने रिक्शा-ट्रॉली, विक्रम वालों और मजदूरों से संपर्क बनाया हुआ है। जरुरत पड़ने पर गिरोह के सदस्य उनका खून खरीदकर जरुरतमंद को सप्लाई कर देते हैं। पुलिस उन छात्रों और अस्पताल संचालकों से पूछताछ की तैयारी में है।

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