दलित युवक पप्पू सालवी की हत्या प्रकरण की भ्रत्सना

murderजयपुर / दलित अधिकार नेटवर्क, राजस्थान के जयपुर केन्द्र के एडवोकेसी समन्वयक हंसराज किरोड़िवाल (एडवोकेट) ने राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर पप्पू सालवी हत्याकाण्ड में आरोपियों के खिलाफ एफ.आई. आर. दर्ज करने व एफ.आई.आर. दर्ज करने में लापरवाही करने पाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनु. जाति/अनु.जनजाति अत्याचार निवारण कानून 1989 की धारा 4 के तहत कार्यवाही की जावे तथा पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जावे। प्रकरण काफी गंभीर प्रकृति का है तथा इस हत्याकाण्ड को काफी सुनियोजित तरीके से किया गया है।
प्रकरण के संक्षिप्त तथ्य इस प्रकार है कि:- मृतक पप्पू सालवी अपने नाना के पास बचपन से ही गांव- मण्डफिया, तहसील गंगरार, जिला चितौड़गढ़ में अपने नाना के घर में रह रहा था तथा पप्पू सालवी का पालन-पोषण भी नाना के घर में ही हुआ था।मृतक पप्पु सालवी उम्र-20वर्ष भजन(सत्संग) किया करता था तथा काफी गंभीर व आध्यात्मिक प्रकृति का युवा था तथा आचार व विचार से भी पाक साफ था। आस पास के दलितों में भी काफी प्रसिद्ध हो रहा था क्योकि वह भजन व सत्संग ही अपने नाना के साथ करने लगा था। दिनांक 20/12/2013 को पप्पू सालवी काम करने की कहकर घर से चला गया था। दिनांक 21/12/2013 को पप्पू सालवी के नाना के घर कुछ लोग आये जिनमें आरोपीगण (1) डालुराम पुत्र भागु राम अहीर (2) नारायणलाल पुत्र रूपा अहीर (3) षंकरलाल पुत्र नंदा जी अहीर (4) राधेष्याम पुत्र नानू जी अहीर (5) नानूराम पुत्र भागुराम अहीर निवासी-मण्डफिया तहसील व थाना गंगरार जिला चितौडगढ़ आये तथा आरोपीगण ने पीड़ित परिवार कालुलाल, हीरालाल व अणछी देवी को जान से मारने धमकी देने लगे व जान से मारने पर उतारू थे तथा जाति सूचक गाली गलौच करने लगेे थे तथा कह रहे थे कि तुम चमारों की इतनी हिम्मत हो गई कि हमारी बेटी रतनी अहीर को भगा ले गया। पप्पू सालवी को तो हम जान से मारकर उसकी शरीर के टुकड़े-टुकड़े करेगें। पीड़ित परिवार से उसका मोबाइंल नं. व उसकी फोटो मांगी और कहा कि हम उसको ढ़ूढ़ेगें। और साले चमार को वहीं काट देंगे। और आप लोगों को भी जिन्दा नहीं छोड़ेगें। तुम नीच जाति के होकर, तुम्हारी इतनी हिम्मत हो गई कि आप हमारी बराबरी करोगे। जो करना है कर लेना यह कहकर चले गये थे। पीड़ित परिवार को भी रतनी अहीर के चले जाने के बारे में पता चला। जबकि पीड़ित परिवार ने आरोपीगणों को पहले बता दिया था कि आप अपनी बेटी को अपने पास रखो लेकिन उस दौरान उन्होनें उल्टा पीड़ित परिवार को ही डांट दिया था कि हमारी बेटी के बारे में इस तरह की बात करने की हिम्मत कैसे हो गई। क्योकि रतनी अहीर बार-बार पीड़ित के घर आने लगी थी।
दिनांक 11/1/2014 को रात्रि करीबन 12.30 बजे उदयलाल सालवी पुत्र देवीलाल निवासी-मण्डफिया घर आये और उन्होने बताया कि मैड़ीखेड़ा फाटक के पास एक लाष पड़ी हुई मिली है जो कि पुलिस थाने वाले पप्पू लाल सालवी की बता रहे हैं इस पर पीड़ित परिवार मेडा़खेड़ा फाटक के पास लाष को देखा जो पप्पू सालवी की ही थी और उसके शरीर का ेकाटा हुआ था जिससे साफ जाहिर हो रहा था कि पप्पू सालवी की पहले हत्या की गई थी और बाद में लाष को ट्रेन की लाईनो के पास डाला गया था परन्तु वह ट्रेन से नहीं कटा था।
दिनांक 12/1/2014 को पुलिस थाना चंदेरिया द्वारा राजकीय सांवरिया जी अस्पताल चितौड़गढ़ में कुछ खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाये और प्रार्थी को कहा कि कार्यवाही हो जायेगी लाष को ले जाओं। जबकि यह भी पीड़ित परिवार को यह भी नहीं पता है कि मृतक का पोस्ट मार्टम हुआ है या नहीं। जबकि पुलिस थाने चंदेरिया को इस आषय की रिपोर्ट दे दी गई थी की पप्पू सालवी की हत्या की गई है इसकी सूचना पुलिस थाने को दे दी गई थी परन्तु आरोपीगण काफी दंबग जाति से है इसलिए आज तक भी पीड़ित की तरफ से पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है।
तथा आरोपीगण रतनी अहीर को पप्पू सालवी के पास से लेकर आये हैं तो रतनी अहीर अभी तक कहां है उससे भी पूछताछ की जाये तथा मृतक पप्पू सालवी के पास बडे़ साईज का फोटो ट्रेन के पास कहां से आया व बड़े चार्ट पर स्वंय (मृतक) का नाम पता किसने लिखा। तथा आरोपीगण जैसा उन्होने धमकी के दौरान कहा था कि हम उसके षरीर के टुकड़े- टुकड़े करेगें उसी तरह से मृतक के शरीर की हालत थी।
पीडित परिवार एवं षिकायत के दस्तावेज के अवलोकन से प्राथमिक तौर पर निम्न नतीजों पर पहुंच कर मांग करता है कि:-
1. यह कि पीड़ित परिवार की एफ.आई.आर. दर्ज की जाये और आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाये।
2. उक्त प्रकरण की जांच एस.सी./एस.टी. सेल चितौड़गढ़ के स्वंय अपने निर्देषन में करवाई जाये
3. दलित परिवार को अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम 1989 नियम 1995 के नियम 12 (4) के तहत अविलंब आर्थिक सहायता प्रदान की जाये।
4. यह कि दिनांक 12 जनवरी 2014 को पुलिस थाना चंदेरिया में उक्त घटना की सूचना दे दी गई थी सूचना देने के बावजूद पुलिस द्वारा लापरवाही बरती गई। अतः लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम 1989 की धारा 4 के तहत आपराधिक कार्यवाही की जाये साथ ही अनुषासनात्मक विभागीय कार्यवाही की जाये।
5. यह कि आरोपीगण प्रभावषाली व उच्च राजनैतिक पहुंच वाले हैं, अतः यह सुनिष्चित किया जाये कि प्रकरण का अन्वेषण निष्पक्ष तथा बिना राजनैतिक हस्तक्षेप के हो सके।
6. प्रषासन गांव में तनाव को कम करने लिए भविष्य में ऐसे संवेदनषील क्षेत्रों में साम्प्रदायिक सदभाव स्थापित करने का प्रयास करे तथा इसके लिए सामाजिक संगठनों का सहयोग ले।
7. क्षेत्र घोषित किया है। अतः दलित उत्पीडन को रोकने के लिए विषेष कदम उठायें जायें।
8. अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम 1989 नियम 1995 के नियम 10 के अनुसार जिला विषेष अधिकारी यह सुनिष्चित करे कि पीडितो को तुरन्त सहायता व अन्य सुविधाऐ प्रदान करे तथा ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नही हो उसके लिए कारगर प्रयास किये जाये।
9. दलित अत्याचार के मामलों में जिला मॉनीटरिंग व विजीलैंस कमेंटी प्रभावी रूप से ध्यान दे तथा एफ. आर लगने के सभी पहलूओं पर गम्भीरता पूर्वक विचार करे ,ताकि दलित अत्याचारों में कमी आये।
(हंसराज किरोड़िवाल) एडवोकेट
एडवोकेसी समन्वयक
मो. 9460706170

1 thought on “दलित युवक पप्पू सालवी की हत्या प्रकरण की भ्रत्सना”

  1. real mai yah murder ka mamle hai..pappu salvi ne suicide nahi kiya ..police aaropiyon ko bachane par lagi hai..police mahkame me mulajim hai aaripiyon ka releative…

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