मुक्तक को प्रबोधक नियुक्ति पात्र मानते हुए दो माह में नियुक्ति देने के आदेश

Rajasthan High Court Jaipur Bench thumbजयपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय की एकलपीठ के न्यायाधीश श्री मोह मद रफीक ने मुक्तक के पद पर कार्यरत सुरेन्द्र आर्य को प्रबोधक नियुक्ति हेतु योग्य मानते हुए दो माह में योग्यता के अनुसार नियुक्ति स बन्धी आदेश देने हेतु विचार करने के आदेश दिये तथा विभाग द्वारा की गई कार्यवाही को अवैधानिक मानते हुए यह आदेश दिया कि प्रार्थी मुक्तक के पद पर रहते हुए अध्यापन का कार्य कर रहा था। अत: प्रार्थी प्रबोधक नियुक्ति के हेतु यदि योग्यता सूची में है तो नियुक्ति स बन्धी आदेश पारित करे। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी लोक जु िबश परियोजना में मुक्तक के रूप में 25-9-1998 से नियुक्त हुआ तथा प्रबोधक नियुक्ति के समय उसने 5 वर्ष से अधिक कार्य कर लिया था। पांच वर्ष से अधिक कार्य करने के बावजूद उसके स बन्ध में आदेश पारित किया गया कि मुक्तक शैक्षिक परियोजना में नहीं है। अत: प्रार्थी प्रबोधक नियुक्ति हेतु पात्र नहीं है। प्रार्थी के वकील डी.पी.शर्मा का तर्क था कि मुक्तक नियुक्ति हेतु जारी किये गये विज्ञापन में यह अंकित था कि प्रार्थी को अध्यापन कार्य कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को मुक्तांगन विद्यालय में पढाना होगा तथा विभाग द्वारा जारी किये गये विभिन्न पत्रों में इस बात का उल्लेख था कि बारां जिले में शहरीया जनजाति क्षेत्र में शिक्षा के उत्थान के लिए मुक्तांगन विद्यालय खोले गये जिनमें मुक्तक नियुक्त किये गये। उनका कार्य दुर्गम स्थानों पर ठहराव बनाये रखकर कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को शिक्षा देना था। न्यायालय के द्वारा विभाग को यह भी निर्देश दिया कि वह प्रार्थी के स बन्ध में कोई दस्तावेज या आदेश प्रस्तुत करे जिससे प्रकट होता हो कि प्रार्थी ने अध्यापन कार्य नहीं किया। परन्तु विभाग द्वारा ऐसा कोई दस्तावेज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। मामले की सुनवाई के पश्चात् न्यायालय ने पाया कि प्रार्थी कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को अध्यापन का कार्य करवा रहा था तथा प्रार्थी को नियुक्ति नहीं देना अवैधानिक था। न्यायालय ने आदेश दिया कि प्रार्थी के स बन्ध में नियुक्ति स बन्धी आदेश जारी करे। यदि प्रार्थी योग्यता सूची में आता हो। मामले की सुनवाई के पश्चात् न्यायालय ने उक्त आदेश पारित किया।
डी. पी. शर्मा
अधिवक्ता

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