काटे गये लाखों पेड़ों के बदले मं पेड़ लगाने हेतु धरना प्रदर्शन

पेड़ के बदले झाड़ी लगाकर राजमार्ग प्राधिकरण कर रहा है धोखाधड़ी
IMG-20140605-WA0008जयपुर। पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी एवं पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने बताया कि जयपुर-किशनगढ़, आगरा-जयपुर, भरतपुर-महुआ, जयपुर-महुआ, चित्तौड़-भीलवाड़ा-बंूदी, सहित समूचे प्रदेश मंे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण काटे गये लाखों विशालकाय पेड़ों के बदले मंे लाखों छोटी झाड़ियां रोंपकर पेड़ों की गिनती करवा रहा है व कागजों मंे मार्ग के दोनांे और लगाये गये पौधांे की संख्या पर नजर डाली जाए तो 20 प्रतिशत पौधे भी जीवित दिखलाई नहीं देते हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू के नेतृत्व मंे जयपुर अशोक उद्यान के बाहर धरना प्रदर्शन कर पेड़ लगाने के लिए नारे लगाते हुए जयपुर संयोजक सूरज सोनी, जिला सचिव सुरज जिद्दी, उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह कच्छावा, बिलेश्वर डाड, संस्था के गंगाराम प्रजापति, राजकुमार चौहान, अमित दिओल, नितेश झालू, रणवीर सिंह, मनीष नारनोली, नन्दलाल चौधरी, विरेन्द्र उडील, विजेन्द्र सिंह, राजकुमार सिन्हा सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नियमानुसार पेड़ लगाने की मांग की। जाजू ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर बताया कि महुआ-जयपुर 84724 पेड़, भरतपुर-महुआ 91936 पेड़, आगरा भरतपुर 47025 पेड़, चित्तौड़-भीलवाड़ा-बंूदी मार्ग पर 1,22,000 पेड़ तथा जयपुर-किशनगढ़ छः लेन पर 100240 पेड़ लगाना कागजों में बताया है, जबकि उक्त स्थानों के अलावा किशनगढ़-उदयपुर-रतनपुर, स्वरूपगंज-पिण्डवाड़ा-उदयपुर, जयपुर-रिंगस, ब्यावर-पाली, झालावाड़, पिण्डवाड़ा-आबू रोड़, पिण्डवाडत्रा ब्यावर, ब्यावर-पाली राजमार्ग पर भी 5 लाख से अधिक काटे गये पेड़ों के बदले अभी तक नियमानुसार पौधे नहीं लगाये गये हैं। प्राधिकरण चित्तौड़-बंूदी मार्ग पर 96 हजार, जयपुर-किशनगढ़ मार्ग पर 81,867 पेड़ लगाना बता रहा है जबकि मौके पर छोटी झाड़ियां ही लगाई है जो पेड़ों की गिनती मंे नहीं आती है। जाजू ने पेड़ों के नाम पर झाड़ियां लगाकर की गई धोखाधड़ी को लेकर एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी देते हुए कहा है कि राजमार्ग प्राधिकरण अरबों रूपया पेड़ लगाने के नाम पर लेकर राजस्थान के पर्यावरण को पलीता लगा रहा है। संस्था के सूरज सोनी सहित पदाधिकारियांे ने प्राधिकरण के पेड़ लगाने के नाम पर किये घिनोने कृत्य पर आक्रोश व्यक्त करते हुए निन्दा करते हुए कहा कि काटे गये पेड़ों के बदले नियमानुसार पेड़ लगवाने के लिए उच्च न्यायालय में गुहार कर पूरी संख्या मंे पेड़ लगवाकर जीवित रहने की गारंटी के बाद ही दम लेंगे।

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