दुष्कर्म के आरोप से घिरे केन्द्रीय राज्यमंत्री निहालचंद मेघवाल की मुश्किलें अब ओर बढ़ सकती है। मेघवाल की शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी विरोधाभासी तथ्य सामने आए है। पिछले तीन चुनाव में उनकी ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र और स्नातक की अंक तालिका में अलग-अलग तथ्य सामने आए है।
दस्तावेजों के अनुसार निहालचंद ने वर्ष 2004 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए जो शपथ पत्र प्रस्तुत किया, उसमें उन्होंने खुद को 1996 में कला वर्ग में स्नातक होना बताया था। इसके बाद वर्ष 2009 में उनकी ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र में कहा गया कि उन्होंने वर्ष 1994-95 में स्नातक की डिग्री हासिल की।
इस बार 16वीं लोकसभा चुनाव के लिए दिए गए शपथ पत्र में भी उन्होंने खुद को 1994-95 में स्नातक हुआ बता रखा है, जबकि इस वर्ष की उनकी अंकतालिका के हिसाब से वे राजनीति विज्ञान में पूरक आए थे। अर्थात परीक्षा पास नहीं कर पाए थे। ऐसे में यह मान भी लिया जाए कि उन्होंने 1995 में ही पूरक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी तो भी 2004 में उनकी ओर से दिया गया शपथ पत्र गलत साबित होता है।
इधर मेघवाल का कहना है कि डिग्री मेरे पास है। नामांकन पत्र दाखिल करते समय गलती से तथ्य प्रस्तुत हो गए थे। मेरे खिलाफ लगाए जा रहे सभी आरोप फर्जी है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य अश्क अली टांक का कहना है कि पहले रेप केस और अब डिग्री को लेकर फर्जीवाड़ा करना यह साबित करता है कि मेघवाल सही व्यक्ति नहीं है।