व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले में उमा भारती का भी नाम

uma_bhartiभोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में हड़कंप मचाने वाले व्यापमं [व्यावसायिक परीक्षा मंडल] घोटाले में केंद्रीय मंत्री उमा भारती का भी नाम जोड़ा गया है। कांग्रेस ने आक्रामकता दिखाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित सरकार के अन्य मंत्रियों पर तीखा हमला बोला है। एसएमएस डिटेल के जरिये दावा किया गया है कि मामले से शिवराज कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और फरार आरोपी सुधीर शर्मा के आध्यात्मिक गुरु उत्तम स्वामी के तार भी जुड़े हैं।

दरअसल, वर्ष 2012 के प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए कई स्तर पर घोटाले किए गए थे। इसमें वास्तविक परीक्षार्थी की जगह फर्जी परीक्षार्थी के परीक्षा में बैठने के अलावा राजनीतिक व रसूखदारों की सिफारिश और परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक करने जैसे घोटाले हुए थे। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री उमा भारती से लेकर राजभवन तक ने अपने लोगों को परीक्षा में पास कराने के लिए परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी व सिस्टम एनालिसिस नितिन महिंद्रा को सिफारिशें भेजी थीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मामा फूल सिंह चौहान के मोबाइल से त्रिवेदी और महिंद्रा को कई बार फोन किया गया है। इसके अलावा वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के निजी नंबर से भी एसएमएस भेजे गए हैं। मामले में पूर्व विधायक मुकाम सिंह किराड़े, सुधीर शर्मा व लक्ष्मीकांत शर्मा के आध्यात्मिक गुरु उत्तम स्वामी, आशीष सोजतिया, जितेंद्र अग्रवाल, वीरेंद्र राज, पंकज त्रिवेदी सहित अन्य के मोबाइल से भेजे गए एसएमएस का खुलासा किया गया है। केके मिश्रा ने बताया कि उमा भारती ने संविदा वर्ग दो की परीक्षा में 15 लोगों की सिफारिश की थी।

सीएम के ससुराल से 19 अभ्यर्थी चयनित

कांग्रेस ने परिवहन आरक्षक भर्ती को लेकर भी सवाल खड़े किए। मिश्रा ने आरोप लगाया कि भर्ती में 19 अभ्यर्थी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की ससुराल गोंदिया के निवासी हैं। इसमें पूर्व परिवहन मंत्री जगदीश देवड़ा के पीए राजेंद्र सिंह रघुवंशी का नाम भी नाम आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के रहते एसटीएफ मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर पा रही है। नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के पूर्व पीए प्रेम प्रसाद का नाम व्यापमं घोटाले में आने के कारण एसटीएफ इसकी जांच नहीं कर पा रही है। मामले की जांच होने तक शिवराज सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए।

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