मूमल हत्या प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग

jaipur newsजयपुर। दलित अधिकार नेटवर्क एवं दलित संगठनों ने जोधपुर जिले की भूरीदेवी उर्फ मूमल हत्या प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराने एवं अभियुक्तों की गिर तारी की मांग की है। शुक्रवार को यहां पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दिवंगत भूरीदेवी के ससुर तेजाराम मेघवाल ने बताया कि वह जोधपुर के डेडिया गांव का रहने वाला है। उसके 5 बच्चे हैं, जिनमें 22 साल का किरताराम मानसिक विक्षिप्त है व सबसे छोटी बेटी भी मंदबुद्धि है। तेजा की पत्नी सुआदेवी भी मंदबुद्धि है। परिवार में केवल तेजाराम व एक बेटा ओमाराम कमाने वाले हैं जो खान में मजदूरी कर गुजर-बसर करते हैं। बेटे ओमाराम की शादी पास के गांव चांदसामा की भूरी उर्फ मूमल से हुई थी। तेजाराम परिवार सहित गांव में अपने खेत में परिवार के साथ रहता है। कुछ दूरी पर झब्बरसिंह व स्व. भंवरसिंह राजपूत का परिवार रहता है। झब्बर का बेटा कंवरराज व स्व.भंवरसिंह का बेटा मनोहरसिंह भी वहीं रहते हैं। इनके रिश्ते का भाई नाथडाऊ निवासी तेजसिंह अक्सर वहां आता रहता है। ये तीनों जने डरा-धमकाकर ओमाराम की पत्नी भूरी का देहशोषण करते थे। यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा था।
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद दलित अधिकार नेटवर्क के राज्य संयोजक तुलसीदास राज ने बताया कि तेजाराम को जब इस बात का पता चला तो उसने आरोपियों को कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। इससे डरकर आरोपियों ने भूरीदेवीको जंगल में जाकर उसे जलाकर मार डाला। यह घटना इसी साल 10 फरवरी की है। घटना के समय तेजाराम गांव से करीब 5 किमी दूर खेड़ा बागोडिय़ा मेघवालों की बस्ती गया हुआ था, वहां उसके मोबाइल पर एक फोन आया जिसमें कहा कि भूरी कहां है, कहीं वह हमारा मुंह काला नहीं करवा दे। तेजाराम तुरंत घर लोटा और परिवार के साथ जंगल में भूरी की तलाश की, तो वहां उसकी जली हुई लाश मिली।
गांव वालों ने जब शक जताया तो राजपूत समाज के दबंग लोगों ने तेजाराम के परिवार को धमकाया और चुप रहने की बात कही। बाद में पुलिस मौके पर आई और जरूरी कार्रवाई के बाद तेजाराम व ओमाराम को थाने ले जाकर बंद कर दिया। थाने में ये लोग रो-रोकर चिल्लाते रहे कि तेजसिंह, मनोहरसिंह व कंवरराज ने षडयंत्रपूर्वक भूरी को मारा है, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। भूरी के पीहर पक्ष के लोग जब गांव में आए तो दबंग राजपूतों ने उन्हें बताया कि तु हारी बेटी को इन्होंने जलाकर मार दिया है। इस पर उन्होंने दबंगों के प्रभाव में आकर दहेज हत्या का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया।
तेजाराम ने बताया कि आरोपियों ने भूरी से कई बार गैंगरेप किया और बाद में जलाकर मार डाला। इसके बावजूद आरोपी घटना के पांच महीने बाद अभी तक खुले घूम रहे हैं। इन आरोपियों ने सारे सबूत मिटा दिए और पूरे मामले को ही दूसरा रूप देने का प्रयास किया है। दलित अधिकार नेटवर्क ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने एवं पीडि़त दलित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है। इस मामले में तेजाराम का परिवार डेढ़ महीने से जोधपुर में आईजी द तर के बाहर धरना पर भी बैठा है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
तुलसीदास राज कल्याणसिंह कोठारी
राज्य संयोजक, दलित अधिकार नेटवर्क
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