पायलट- ने भरी हुंकार, वसुंधरा इस्तीफा दो

IMG-20150624-WA0036राजधानी में बुधवार का दिन कांग्रेस के नाम रहा। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और आईपीएल के पूर्व चेयरमैन व ईडी के आरोपी ललित मोदी के संबंधों को लेकर कांग्रेस का यह शक्ति प्रदर्शन था। उम्मीद से ज्यादा लोग जुटे तो उत्साह कई गुना दिखा। शांतिपूर्वक किया, लाठीचार्ज न हो, इसके लिए पहले से रणनीति बनाई गई थी।

उद्योग मैदान में 11 बजे से ही अच्छी भीड़ जुट चुकी थी। इसके बाद करीब 12 बजे यहां छोटी-छोटी रैलियों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के जयकारे लगाते लोग हाथ में झंडे-बैनर और तख्तियां लेकर यहां पहुंचते रहे। इसके बाद एक हुजूम सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास के साथ आगे बढ़ा और सिविल लाइंस की ओर कूच किया। उत्साह गजब का था।

तेजी से सिविल लाइंस की ओर पहुंची रैली तो रास्ते में भारी पुलिस जाब्ता लगा था। पुलिस ने कहीं भी नहीं रोका। उमस और धूप के बीच नारे लगाने का उत्साह जो सिविल लाइंस फाटक पहुंचते-पहुंचते कुछ कम हो गया था, पायलट की हुंकार के साथ फिर तेज हो गया।

फाटक पर नहीं तोड़े बैरिकेड्स, धरना दिया, सभा की और लौट गए
सिविल लाइंस पहुंचने पर कार्यकर्ताओं से लेकर सरकार और पुलिस तक मान रही थी कि विधानसभा पर प्रदर्शन की तरह यहां भी नेता आगे बढ़ेंगे, बेरिकेड्स तोड़ेंगे, फिर लाठीचार्ज की नौबत भी आ सकती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। कांग्रेस ने शायद पहले से ही रणनीति बना ली थी। न आगे बढ़ना है, न बेरिकेड्स ब्रेक करने है और न ही सरकार को लाठीचार्ज का मौका देना है। केवल शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए धरना देकर लौटना है। पुलिस भी चुपचाप खड़ी तमाशा देख रही थी। पायलट ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और फिर सभी शांतिपूर्वक अपने-अपने स्थानों के लिए लौट गए।

सिविल लाइंस पर सभा में तब्‍दील हुई रैली में पायलट ने कहा, ललित मोदी को लेकर वसुंधरा राजे पर आरोप कांग्रेस ने नहीं लगाए। ये मामला दस्‍तावेज के जरिए सामने आया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे पीएम नहीं चाैकीदार हैं। अब उनकी नाक के नीचे भ्रष्‍टाचार हो रहा है, वे देश को बचा क्यों नहीं रहे। पायलट ने चुटकी ली। बोले, भाजपा वाले एक दूसरे को क्‍लीन चिट दे रहे हैं। अब तो केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने भी कह दिया कि दुष्यंत को क्लीन चिट नहीं दी। अब दें वसुंधरा जवाब। उन्होंने कहा, जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तो लोगों को उम्मीद थी कि काले धन का पैसा उनके खातों में आ जाएगा। उनकी उम्मीद हवा हो गई। पीएम मोदी के भ्रष्टाचार को खत्म करने और काले धन को वापस लाने के दावे कहां चले गए। हवा हो गए हैं। यहां उनकी ही सरकार की मुख्यमंत्री के संबंधी ललित मोदी ने काला धन खूब जमा किया। पीएम मोदी भगोड़े ललित मोदी की मदद करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते।
पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री लोगों से लगातार संवाद करते हैं। लोगों से ही नहीं, देश-विदेश के प्रमुखों से भी भरपूर कम्युनिकेशन बनाते हैं। ट्वीट करते हैं, बधाइयां देते हैं, तो इस मामले में मौन व्रत क्यों नहीं तोड़ते। अब तो योग भी जमकर कर लिया। अब तो बोलें मोदी। उन्होंने सरकार से पूछा, क्या देश में दो कानून हैं। जब कोई आम आदमी किसी भगौड़े की मदद कर दे तो उसे पहले बेडियां डालकर बंद कर दिया जाता है, फिर सवाल पूछे जाते हैं। अब मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने भगौड़े की मदद की तो कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं। पायलट ने याद दिलाया कि जब यूपीए की केंद्र में सरकार थी और केंद्रीय मंत्रियों पर आरोप लगे थे तो उन्होंने तुरंत ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफे दे दिए थे। अब यहां न तो भ्रष्टाचारियों को सहयोग करने वालों से इस्तीफे मांगे जा रहे हैं और न ही वे दे रहे हैं।
द्वारा…….
अनुपम शर्मा ( प्रभारी )
आई टी सेल कांग्रेस

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