संसदीय सचिव बिधूड़ी ने कुर्सी छोड़ी

राजस्थान के संसदीय सचिव राजेन्द्र सिंह बिधूड़ी ने राजस्थान में अपनी ही सरकार पर गुर्जर आरक्षण मुद्दे पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया हैं। बिधूड़ी ने सरकारी वाहन और स्टाफ को भी रिलीव कर दिया हैं।

उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा है, हालांकि उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है। बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री को भी घेरा और कहा कि वे इस मामले में राजनीति करते है,उन्होंने यहां तक कह दिया कि मुझे संसदीय सचिव गहलोत ने नहीं बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी ने बनाया है।

राज्य की राजनीति में हमेशा ही गहलोत विरोधी रहे बिधूड़ी मुख्यमंत्री के खिलाफ और के न्द्रीय मंत्री डॉ. सी. पी. जोशी के निकट माने जाते है। उन्होंने पिछले दिनों जोशी को मुख्यमंत्री बनाए जाने का लेकर मुहिम भी चलाई थी।

बिधूड़ी ने कहा कि ऊर्जामंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 2003 में गुर्जर आरक्षण का विरोध किया था। वहीं, जितेन्द्र सिंह आज सरकार में मंत्री बने हुए हैं और समाज और सरकार के बीच बातचीत में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं। बिधूड़ी ने जितेन्द्र सिंह और संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना से भी पद छोड़ने की मांग की।

बिधूड़ी ने यहां आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूरा सरकारी सिस्टम सामाजिक-राजनीतिक तौर पर गुर्जरों की अनदेखी करने में लगा है। सरकारी सिस्टम गुर्जर हितों के खिलाफ काम कर रहा है। ऊंचे पदों पर बैठे गुर्जर समाज के नेता समाज के साथ वादखिलाफी कर रहे हैं।

पिछले भाजपा राज में गुर्जर समाज के बेटों को मरवाने के बाद कर्नल बैंसला ने उसी पार्टी से सौदा कर टिकट हासिल कर लिया।

उन्होंने कहा वसुंधरा राजे जनरल डायर की तरह है, जिसने समाज के बेटों का नरसंहार किया। उन्हीं के साथ समाज के नेताओं ने सौदेबाजी कर गद्दारी की। भगवान देवनारायण की कृपा से इन गद्दार नेताओं को चुनाव में हार झेलनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि भगवान देवनारायण ने बीती रात सपने में दर्शन दिए और मुझे आदेश दिया कि अपनी कुर्सी छोड़ों और समाज को हक दिलाने के लिए मैदान में उतरकर संघर्ष करो। बिधूड़ी ने कहा कि भगवान से आदेश मिलते ही मेरी नींद खुल गई और मैंने तुरंत अपना इस्तीफा लिखकर मुख्यमंत्री को फैक्स कर दिया। इधर गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर पिछले पांच सालों से आंदोलन कर रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने आज गुर्जर समाज की महापंचायत की जिसमें गुर्जरों को एसबीसी में पांच फीसदी आरक्षण की मांग दोहराई गई। देश के प्रमुख गुर्जर नेताओं ने गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी।

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