नकदीकरण का लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान के आदेश

पॉंचवे एवं छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन स्थिरीकरण कर अन्तर राशि का भुगतान, उपदान की राशि एवं बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण का लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान के आदेश
(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर का मामला)

jaipur newsजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, कानोडिया उच्च माध्यमिक विद्यालय, मुकुन्दगढ़, झुुंझुनू (राज.) को आदेश दिया कि वे प्रार्थीगण को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 1998 व 2008 के अनुसार वेतन स्थिरीकरण के उपरान्त वेतन की अन्तर राशि का नकद भुगतान करेगें एवं तत्पश्चात् बडे़ हुये महंगाई भत्ते की अन्तर राशि एवं अन्तिम वेतन के आधार पर उपदान की राशि का भुगतान करेगें तथा प्रार्थीगण के खाते में आमेलन के समय बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण का लाभ भी देगें तथा अप्रार्थी संस्था उक्त सम्पूर्ण बकाया राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज भी प्रार्थीगण को अदा करेगी। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीगण बाबूलाल गुर्जर की नियुक्ति दिनांक 07.06.97 को चतुर्थ श्रैणी कर्मचारी के पद पर एवं लाखन सिंह की नियुक्ति दिनांक 01.07.97 को अध्यापक ग्रेड-तृतीय के पद पर तथा रामावतार सिंह की नियुक्ति व्याख्याता के पद पर दिनांक 03.08.1984 को अप्रार्थी संस्था में हुई। जो चयन समिति द्वारा सम्पूर्ण प्रक्रिया अपनायी जाकर हुई थी। अप्रार्थी संस्था राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हुए 70 प्रतिशत से अधिक अनुदान प्राप्त करती है। प्रार्थीगण का चयन राजस्थान ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम 2010 के तहत राज्य सेवा में होने के कारण उन्हें दिनांक 30.06.2011 को कार्यमुक्त कर दिया गया। तत्पश्चात् प्रार्थीगण द्वारा उक्त लाभ देने हेतु बार-2 निवेदन किया गया परन्तु अप्रार्थी संस्था ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। तत्पश्चात् प्रार्थीगण ने जरिये अधिवक्ता डी. पी. शर्मा के माध्यम से प्रार्थना पत्रा प्रस्तुत कर उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से दिलाने के लिए माननीय अधिकरण से निवेदन किया। प्रार्थी के अधिवक्ता डी.पी.शर्मा का तर्क था कि प्रार्थीगण की नियुक्ति अनुदानित पद के विरूद्ध हुई है तथा लम्बी सेवावधि पूर्ण कर सभी राज्य सरकार में सेवा नियम 2010 के तहत आमेलित हुये है, इसलिये समायोजन से पूर्व के समस्त सेवा लाभ प्रार्थीगण अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारी है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त सभी लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।

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