विश्व बैंक प्रतिनिधि दल ने की जलदाय मंत्री से मुलाकात

1300 करोड़ की वित्तीय सहायता से राज्य में वाटर हार्वेस्टिंग को किया जाएगा और अधिक मजबूत।
भूजल के नए क्षेत्रों की होगी खोज, भूजल पुनर्भरण प्रक्रिया को मिलेगी गति।

IMG_20160511_111229जयपुर, 11 मई। जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी से बुधवार को विश्व बैंक के प्रतिनिधि दल ने मुलाकात की और बेहतर भूजल पुनर्भरण तकनीक एवं प्रबंधन के मामले में चर्चा की और प्रस्तुतिकरण भी दिया।
शासन सचिवालय में हुई इस बैठक में प्रदेष में भूजल प्रबंधन के लिए ’नेषनल ग्राउंड वाटर इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम’ पर चर्चा की गई। विश्व बैंक के कंसलटेंट श्री एम.के. गोयल ने बताया गया कि विष्व बैंक एवं भारत सरकार द्वारा इस प्रोग्राम के तहत राज्य को भूजल पुनर्भरण एवं प्रबंधन के लिए 1300 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
इस कार्यक्रम के तहत वाटर हार्वेस्टिंग, एनिकट्स, फॉर्म पॉन्ड्स, परकोलेशन टैंक आदि का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा भूजल की डिमांड साइड मैनेजमेंट के लिए स्प्रिंग पिलर, ड्रिप इरीगेशन के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही राज्य में अति गहराई के नलकूप बनाए जाएंगे और नए भूजल क्षेत्रों की खोज की जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम पांच वर्ष का होगा। गौरतलब है कि मार्च के महीने में वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि दल ने इस बारे में जलदाय मंत्री के समक्ष प्रजेन्टेषन भी दिया था।
बैठक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री जेसी मोहान्ति, वाटर बेसिन ऑथेरिटी के चेयरमैन श्री श्रीराम वेदिरे, जलदाय विभाग के सचिव श्री सुबीर कुमार, भूजल विभाग के मुख्य अभियंता श्री सूरजभान सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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