आइना टूट के बिखरा यूं साया न गया

-डोल मेले में स्थानीय कवि सम्मेलन आयोजित

dolmela15(फ़िरोज़ खान)बारां, 16 सितम्बर। डोल मेले में गुरूवार रात को स्थानीय कवि सम्मेलन व मुषायरे में काव्य रस की धारा बही। कवियों ने रचना पाठ में देषभक्ति से लेकर समसामयिक विशयों को छूते हुए श्रोताओं कभी गंभीर चिंतन पर विवष किया तो कभी खुल कर गुदगुदाया।

डोल मेला रंगमंच पर आयोजित कार्यक्रम की षुरूआत मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर की गई। मीठे रस के कवि ष्याम सुरीला ने षारदे का वंदन किया। षायर व कवि हिसामुद्दीन रजा ने वतन परस्ती और कौमी एकता पर ‘‘भेदभाव भुलाकर सब बन जाएं इंसान, हमारा प्यारा हिंदुस्तान‘ गीत पर दाद पाई। ‘बुजुर्ग कवि छीतरलाल गांवडेल ने ‘बालम देख्यावो चोखो सो घर बार, कमली को कर देवां ब्याव‘ बाल विवाह कुरीति पर प्रहार किया। कवि जगदीष भारती ने ‘भ्रश्टाचार गजब को मचायो र‘ कविता के माध्यम से घूसखोरी पर कटाक्ष किया। पीआरओ गौरीकांत षर्मा ने ‘तेरी आंखों के कोनों से छलकता हूं, छलक जाऊं‘ मुक्तक से युवाओं के दिलों को छुआ। कवि सुनील षर्मा ने कष्मीर के हालात पर ‘खिलती केसर क्यारी में कुछ लोग बबूल…‘ तथा कन्या भ्रूण हत्या पर मार्मिक रचना ‘ये बेटियां तो हर घर के आंगन को महकाती हैं‘ सुना कर श्रोताओं से तालियां बटोरी। वरिश्ठ साहित्यकार कन्हैयालाल षर्मा ने कष्मीर पर ‘कांप उठा घाटी का कण कण‘ कविता पाठ किया। रईस फैजी ने ‘आइना टूट के बिखरा यूं साया न गया‘ गजल से सम्मेलन को ऊंचाइयां दी। श्रीराम षर्मा ने ‘तुम नजर तो उठाओ मेरे दोस्तों, ये सारी फिजाएं बदल जाएंगी‘ गीत से युवाओं में जोष जगाया।

क्वि सम्मेलन में अष्फाक सफदर, बच्छराज जाट, भोेजराज यादव, ष्याम सुरीला, हेमराज बंसल, राजेष पंकज रंगीला, चतुर्भुज राठौर, ओमप्रकाष षास्त्री, ओमप्रकाष गौतम, पुश्पदयाल वर्मा, रामदिल कंडारा, राधेष्याम राश्ट्रवादी, सत्यनारायण षर्मा, बृजराज यादव, सुरेष चक्रधारी, षिवनारायण थूणगर, मुहम्मद हुसैन अंजुम, कदीर कमर, उमर भाई, डॉ मनोज सिंगोरिया व नूर मोहम्मद नूर ने रचना पाठ किया। संचालन विश्णु षर्मा सहज ने किया।

कवि सम्मेलन के प्रांरभ में मेलाध्यक्ष हरिराज सिंह गुर्जर ने कवियों को माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस दौरान पार्शद षिवषंकर यादव, मनोज बाठला, मुकेष सुमन सहित कई पार्शद भी मौजूद थे।

राजस्थानी कवि सम्मेलन आज

पार्शद गौरव षर्मा ने बताया कि डोल मेला रंगमंच पर षनिवार रात नौ बजे राजस्थानी कवि सम्मेलन होगा, जिसमें प्रदेष के जाने माने कवि काव्य पाठ करेंगे। कवि सम्मेलन में दुर्गादान सिंह गौड़ कोटा, मुकुट मणिराज कोटा, गिरीष विद्रोही मांडलगढ़, कैलाष मंडेला षाहपुरा, हंसराज चौधरी रावतभाटा, विष्वामित्र दाधीच कोटा, मुरलीधर गौड़ कोटा, राजकुमार बादल षक्करगढ़, चंदा पाराषर भीलवाड़ा, विश्णु विष्वास अंता, राजेन्द्र पवांर कोटा, पवन गोचर नारेड़ा, अंदाज हाडोती करवर, दुर्गाषंकर धांसू खैराली, भैरूलाल भास्कर बारां, भूपेन्द्र राठौर कोटा आदि कवि भाग लेंगे।

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