बीकानेर, 30 सितम्बर। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों के माध्यम से जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों की बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य, विशेष कौशल प्रशिक्षण, सुरक्षा आदि पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन विद्यालयों में शैक्षणिक दृृष्टि से पिछड़े विकास खंडों की अनामांकित एवं ड्राॅपआउट बालिकाओं को प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाता है। साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक व अन्य पिछड़ा वर्ग की बालिकाओं, विशेष आवश्यकता वाली बालिकाओं, समाज की मुख्य धारा से अलग सामाजिक समूहों व परिवारों की बालिकाओं, बीपीएल परिवारों की बालिकाओं आदि को प्रवेश दिया जाता है।
जिले में कुल पाँंच कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जो पूगल, जैतसर, झज्जु, दामोलाई व कक्कू में हैं। इन पाँंच कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में कुल 500 बालिकाओं की नामांकन क्षमता है। सत्रा 2014-15 के तहत इनमें 505 बालिकाओं, 2015-16 के तहत 524 बालिकाओं व 2016-17 के तहत 537 बालिकाओं का नामांकन हुआ है। इन विद्यालयों में बालिकाएं छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक अध्ययन कर सकती हंै।
इन विद्यालयों में फ्रिज, आर.ओ, वाटर कूलर, टीवी, इन्वर्टर, गीजर, कूलर, एलसीडी प्रोेजेक्टर, वाॅशिंग मशीन आदि सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। बालिकाओं को शैक्षणिक सामग्री, निजी उपयोग की वस्तुएं समयबद्ध रूप से उपलब्ध करवाई जाती हैं। उन्हें संतुलित व पोषक आहार दिया जाता है। बालिकाओं के स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है व समय-समय पर उनकी स्वास्थ्य संबंधी जांच करवाई जाती है। विद्यालयों में उन्हें समस्त सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाती हैं। उनके लिए खेलकूद, सहशैक्षणिक गतिविधियों की व्यवस्था करवाई जाती है, साथ ही किशोरी मेले, मोटिवेशन कैम्प, अन्तर्जिला भ्रमण आदि कार्यक्रमों से बालिकाओं का सर्वांगीण विकास किया जा रहा है।
– शरद केवलिया
सहायक जनसम्पर्क अधिकारी, बीकानेर