पूर्ण सफल रहा बहिष्कार-होण्ड़ा प्रोडक्टस का

पिछले 18 दिनों से लगातार चल रही भूख हड़ताल, श्रमिकों की हालत चिन्ताजनक, कामरेड विपिन अस्पताल में भर्ती पर भूख हड़ताल तोड़ने को राजी नही कहा: मर जाउगां पर जब तक हमारा समझौता नही हो जाता तब तक वह अनशन पर ही रहुॅंगा।
img-20161006-wa0027जयपुर, 6 अक्टुबर 2016। जापानी कम्पनी होण्ड़ा मोटर साइकिल एण्ड स्कूटर इण्डिया प्रा. लि. टपूकड़ा, अलवर राजस्थान से निकाले गये मजदूरों ने 19 सितम्बर 2016 से दिल्ली के जन्तर-मन्तर में आमरण अनशन कर भूख हड़ताल पर बैठे है। दुसरी और कम्पनी, राज्य सरकार और केन्द्र सरकार का कोई अधिकारी या नेता इनके लिये कुछ करने की बात तो दुर पिछले 18 दिनों में इनसे बात करने के लिये भी नही आये है। पिछले सात महिनों से कम्पनी प्रबन्धन और राज्य सरकार का मजदूरों के प्रति जो नकारात्मक और अड़ियल रुख था वह अब भी उसी तरह कायम है।
भूख हड़ताल पर बैठे पांचो श्रमिक नरेश कुमार, रवि, विपिन कुमार, सुनील एवं अविनाश के स्वास्थय में इन 16 दिनों में भारी गिरावट आई है। श्रमिक समुह द्वारा निजी तौर पर चार डॉक्टरों की टीम से परिक्षण करवाया गया जिनका कहना है कि इन सभी की हालत बहुत गंभीर व चिन्ताजनक है लगातार भूख हड़ताल से इनके शरीर में 10-15 किलो की गिरावट आई है जो पूरे शरीर के कुल वजन का 15 प्रतिशत है, इनका शुगर लेवल भी लगातार घट रहा है जिससे र्कीटोन स्तर बढ़ रहा है। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि यह स्थिति इन सभी के लिये खतरे का कारण बन सकती है अब ज्यादा देरी से आगे इनके स्वास्थय को सम्भालना भी मुश्किल हो जायेगा। कॉमरेड विपिन की तबियत बहुत ज्यादा खराब होने पर उन्हे त्डस् अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उन्हें वहॉ के डॉक्टरों ने ड्रिप लगाने की सलाह दी और कहा की वे भूख हड़ताल तोड़ दें। लेकिन वो नही माने तो पुलिसकर्मीयों और चिकित्साधिकारीयों के भारी दबाव के कारण विपिन को जबरन ड्रिप चढ़ा दी गई। तदुपरांत विपिन ने निर्णय लिया कि जब तक हमारा समझौता नही हो जाता तब तक वह अनशन पर ही रहेगें मुॅह से कुछ नही खायेंगें, विपिन पहले भी दो बार बेहोश हो चुके है। श्रमिकों द्वारा बुलाये गये स्वास्थ्य सलसहकारों में डॉ. रुमा दास व डॉ. सुमित्रन बासु थे।
इसके अलावा अन्य श्रमिक जो धरना स्तर पर बैठे है उनमें से ज्यादातर दूषित पानी के सेवन और मच्छरों के प्रकोप से डेंगू, चिकनगुनिया और टायफायड़ से ग्रसित हो चुके है। अब ऐसे में श्रमिक चाहते है कि प्रशासन को तुरन्त हस्तक्षेप करने की आवश्कता है वरना किसी भी दुर्घटना की जिम्मेदारी सरकार एवं प्रशासन की होगी।
श्रमिकों द्वारा पूरे भारतवर्ष में एक साथ होण्ड़ा टु-व्हीलर प्रोडक्टों एक्टिवा और शाइन का बहिष्कार किया। हनुमानगढ़ भादरा में श्रमिकों के साथियों ने सभा करके राजस्थान सरकार का पुतला फंूका और राजस्थान की मुख्यमंत्री के नाम एस.डी.एम को होण्ड़ा 2-एफ के समर्थन में ज्ञापन दिया।
अजमेर में भी बहिष्कार का आगाज हुआ, यहॉ के शोरुम मालिकों नें भी श्रमिकों से झड़प् करनी चाही पर श्रमिकों की संख्या और मीडिया से आये पत्रकारों को देखकर उनके हौंसले पस्त हो गये और 2-एफ के श्रमिकों ने वहॉ जबरदस्त नारेबाजी की और लोगों को अपनी समस्या से अवगत करवाया। इसी प्रकार नागौर में पोस्टर जलाकर होण्ड़ा प्रोडक्टस का बहिष्कार किया गया।
होण्ड़ा आन्दोलन को तेज करते हुये होण्ड़ा टू-व्हीलर प्रोडक्टों का आज पूरे भारत में एक साथ बहिष्कार और होण्ड़ा प्रबन्धन व श्रम विभाग का विरोध किया गया जिसमें मुख्यतः मुम्बई, कलकत्ता, लखनउ, हैदराबाद, चैन्नई, अहमदाबाद, भिलाई, चण्डीगढ़, पटना, बैंगलोर, दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, अजमेर, सीकर, अलवर, नागौर, झुन्झुनु, भरतपुर, गुड़गांव, सिरसा, रोहतक, फतेहाबाद, जींद, कैथल, सोनीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, गोहाना आदि जगहों पर होण्ड़ा टू-व्हीलर से बाहर निकाले गये श्रमिकों के साथ-साथ विभिन्न श्रम संगठनों, छात्र संगठनों और श्रमिकों के परिजनों द्वारा सफल बनाया गया।
यूनियन के अध्यक्ष नरेश मेहता ने बताया कि दक्ष और अनुभवी मजदूरों को बहार निकाल कम्पनी अप्रशिक्षित मजदूरों से उत्पादन करवा रही है और बाजार में बेच रही है जो जनता के साथ धोखा है। हम सभी मजदूर निश्चित रुप से अपनी बुनियादी श्रम संबन्धी मांगो को लेकर संघर्ष कर रहें है। 2-एफ कामगार समुह के मजदूरों के हौसले बहुत बुलंद है।
संदीप शर्मा

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