होण्ड़ा श्रमिकों का आन्दोलन-कमान परिजनों के हाथ

होण्ड़ा कम्पनी से निकाले गये 3000 श्रमिकों का 20 दिनों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के बावजुद भी कोई समझौता होने पर अब फिर से कम्पनी और सरकार के खिलाफ आन्दोलन की राह पर।
img-20161006-wa0033जयपुर, 11 अक्टुबर 2016। जापानी कम्पनी होण्ड़ा मोटर साइकिल एण्ड स्कूटर इण्डिया प्रा. लि. टपूकड़ा, अलवर राजस्थान से निकाले गये 3000 मजदूरों ने 19 सितम्बर 2016 से दिल्ली के जन्तर-मन्तर में आमरण अनशन पर बैठे थे। जिसे 8 अक्टुबर 2016 को शायद फैसला ना होने और भूख हड़ताल पर बैठे श्रमिकों की हालत चिन्ताजनक होने के कारण भुख हड़ताल को तोड़ा गया था। ये सभी श्रमिक पिछले सात महिनों से अपनी नौकरीयॉ वापस पाने के लिये एवं अपनी कुछ मागों को लेकर संघर्षरत है। श्रमिकों ने अपने इस आन्दोलन की रणनीति में बदलाव करते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को क्रमिक भूख हड़ताल में बदलते हुए धरना जारी रखने का फैसला किया गया था।
2-एफ यूनियन के अध्यक्ष नरेश मेहता ने बताया की श्रमिकों, सेन्ट्रल ट्रेड यूनियनों और ट्रेड यूनियनों कौंसील के अधिकारीयों ने ये फैसला लिया है कि दिनांक 17 को राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, बिहार जिस भी राज्य के श्रमिक होण्ड़ा कम्पनी में नौकारी कर रहे थे उन श्रमिकों के परिजन अपने-अपने जिले के होण्ड़ा शोरुम एवं जिला कलेक्टरों के आफिसों के बाहर धरने पर बैठेगें और जिला कलैक्टर को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नाम ज्ञापन देगें और निवेदन करेगें की इस पर जल्दी निणर्य लेते हुये उनके बच्चों की नौकरीयॉ वापस दिलवायी जाये।
इस प्रकार अब श्रमिक फिर से अपने आन्दोलन को तेज कर जल्द से जल्द इस समस्या का फैसला करवाने की कोशिश करेगें, देखना यह है कि उन्हें इस बार कितनी सफलता मिलती है। लेकिन एक बात जरुर है की इससे राजस्थान का शान्त औद्योगिक वातावरण जरुर प्रभावित होगा। इसका आगे चलकर क्या असर होगा इसके बारे में अभी से कुछ नही कहा जा सकता है पर इससे होने वाले हर नुकसान के लिये श्रमिक, कम्पनी और सरकार सभी जिम्मेदार जरुर होगें। एक दुसरे पर आरोप लगाकर इनमें से कोई भी अपनी जिम्मेदारी से नही बच सकता।
संदीप शर्मा

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