पालनहार योजना से मिल रहा लाभ

bikaner samacharबीकानेर, 11 नवम्बर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित पालनहार योजना राज्य के 0 से 18 वर्ष तक के विशेष देखभाल एवं संरक्षण वाले बालक-बालिकाओं की विभिन्न श्रेणियों के लिए है। इसके तहत आने वाले बच्चों की देखभाल एवं पालन-पोषण की व्यवस्था परिवार के अन्दर किसी निकटतम रिश्तेदार-परिचित व्यक्ति के द्वारा की जाती है। बच्चों की देखभाल करने वाले को पालनहार कहा गया है। बच्चों के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा मासिक आर्थिक सहायता दी जाती है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल डी पंवार ने बताया कि अनाथ बच्चों, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा के बच्चों, नाता जाने वाली माता की संतान, विशेष योग्यजन (दिव्यांग) माता/पिता की संतान तथा अनाथ बच्चे के पालनहार, तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान आदि के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा पालनहार योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जाता है। इस श्रेणी के पात्रता रखने वाले बच्चों के लिए जन्म से 6 वर्ष तक 500/- प्रतिमाह तथा 6 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए 1000/- रूपए प्रतिमाह अनुदान पालनहार के बैंक खाते में भेजकर लाभान्वित किया जाता है।
पंवार ने बताया कि विधवा पालनहार के अतिरिक्त अन्य पालनहारों की स्वयं द्वारा सत्यापित आय प्रमाण पत्र (वार्षिक आय 1.20 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए), जन्म से 6 वर्ष तक के बच्चों के आंगनबाड़ी केन्द्र पर पंजीकरण के प्रमाण पत्र की प्रति तथा 6 से 18 वर्ष के बच्चों का विद्यालय में अध्ययनरत होने का प्रमाण पत्र अनिवार्य है। अनाथ बच्चे होने की स्थिति में आवेदन के साथ माता-पिता का मृत्यु प्रमाण-पत्र तथा अनाथ बच्चों का पालन पोषण करने का प्रमाण पत्र, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा के बच्चे होने की स्थिति में पेंशन भुगतान आदेश की प्रति होना आवश्यक है। पालनहार के बैंक खाते की पासबुक की फोटोप्रति, मूल निवास/राशन कार्ड की प्रति/ग्राम पंचायत समिति द्वारा जारी प्रमाण पत्र (कम से कम 3 वर्ष से राज्य में निवासरत होने का प्रमाण पत्र) की प्रति तथा आधार यूआईडी- ईआइडी प्रति, भामाशाह कार्ड/भामाशाह पंजीयन की प्रति आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना आवश्यक है। परिपूर्ण आवेदन पत्र ई-मित्र कियोस्क/ेरउेण्तंरेंजींदण्हवअण्पद पर स्वयंं के द्वारा या जिला कार्यालय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में संपर्क करेें।
पंवार ने बताया कि जिले में वर्तमान में 2 हजार 207 बच्चों को पालनहार योजनान्तर्गत अनुदान उपलब्ध करवाकर लाभान्वित किया जा रहा है। शैक्षणिक सत्र 2016-17 में अध्ययनरत बच्चों को नियमित भुगतान हो सके, इसलिए आंगनबाड़ी में जुड़े होने का या विद्यालय में अध्ययनरत होने का प्रमाण-पत्र उपलब्ध करवाने की अति आवश्यकता होती है। अत: जिन पालनहारों ने शैक्षणिक सत्र 2015-16 में अध्ययनरत बच्चों के अध्ययन प्रमाण-पत्र, कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराए हैं, वे 2015-16 तथा 2016-2017 के अध्ययन प्रमाण पत्र कार्यालय राजकीय किशोरगृह, एम.एस.कॉलेज के सामने, गजनेर रोड पर अविलम्ब जमा करावें, ताकि नियमित अनुदान मिलता रहे। इस सम्बन्ध में पालनहारों से पत्र व्यवहार भी किया जा रहा है व सम्बन्धित विकास अधिकारियों को भी सूचित करवाया गया है।
– मोहन थानवी

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