राजस्थानी भाषा मान्यता दशा, दिशा और चुनौतियों पर व्याख्यान

photo-26-12-2016-1बीकानेर/ 26 दिसम्बर/ श्री संगीत भारती, शब्द रंग साहित्य एवं कला संस्थान, सखा संगम तथा मुक्ति की ओर से सूचना केंद्र के सभागार में साहित्य संगोष्ठी के अंतर्गत वरिष्ठ शिक्षाविद साहित्यकार भवानी शंकर व्यास ‘विनोद’ ने राजस्थानी भाषा मान्यता दशा, दिशा और चुनौतियों पर व्याख्यान दिया वहीं वरिष्ठ कवि नवनीत पाण्डे ने अपनी काव्य-यात्रा से विविध कविताओं की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर आयोजक संस्थाओं, अतिथियों एवं आगंतुकों द्वारा कवि नवनीत पाण्डे का उनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य में सम्मान भी किया गया।
मुक्ति द्वारा आयोजित राजस्थानी संकल्प यात्रा को एक मुक्कमद कदम बताते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष भवानीशंकर व्यास ‘विनोद’ ने कहा राजस्थानी भाषा की पूरी विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए आजादी के बाद भाषाओं के आधार पर राज्यों के निर्माण में राजस्थानी के बलिदान का संदर्भ स्पष्ट करते हुए कहा कि राजस्थानी को मान्यता मिलने से इसका विकास अधिक तीव्र गति से हो सकेगा। भाषा मनुष्य की अस्मिता का सवाल है और इसका निराकरण जल्द ही किया जाना चाहिए। नवनीत पाण्डे की कविताओं के संबंध में विचार व्यक्त करते हुए कवि विनोद ने कहा कि नवनीत की कविताएं समकालीन समय और समाज के संकट को पूरी ऊर्जा के साथ अभिव्यक्त करती है और इनके भीतर मनुष्य की जीजीविषा के दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा कि आज नवनीत की विविध कविताओं को सुनकर उनका एक नया रूप सामने आया है जिसमें वे अपनी परंपरा का सम्मान करते हैं वहीं नवीन रचाव की आकांक्षा भी प्रमुख रूप से देखी जा सकती है।
वरिष्ठ साहित्यकार मारवाड़ रतन देवकिशन राजपुरोहित ने कहा कि राजस्थानी भाषा आज पूरे राजस्थान की मांग बन चुकी है। नवनीत पाण्डे को शुभकामनाएं देते हुए राजपुरोहित ने कहा कि कवि के पास अपनी जमीन का स्वर अपनी भाषा में है यह इनकी सबसे बड़ी विशेषता है।
मुक्ति के समन्वयक बुलाकी शर्मा स्वागत करते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है कि आज राजस्थानी संकल्प यात्रा के एक पड़ाव की बात कवि नवनीत के रचनाकर्म के साथ की जा रही है। किसी भी भाषा को आगे बढ़ाने का कार्य रचनाकार ही करते हैं और पाण्डे ऐसे रचनाकार हैं जिनसे साहित्य को बेहद अपेक्षाएं हैं।
साहित्य अकादेमी से सम्मानित साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने राजस्थानी मान्यता के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि मान्यता की मांग जब तक मान्यता नहीं मिल जाती जारी रहनी चाहिए। मान्यता के संदर्भ में बीकानेर की मुक्ति संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए आचार्य ने कहा कि अब मान्यता जन जन की मांग का विषय बन रही है। इस अवसर पर उन्होंने कवि पाण्डे को शुभकामनाएं अर्पित की।
मुक्ति के सचिव कवि-कहानीकार राजेन्द्र जोशी ने संकल्प यात्रा के विभिन्न सौपानों की चर्चा करते हुए कहा कि अब तक एक हजार राजस्थानी के समर्थकों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं और इस यात्रा को पूर्ण तभी किया जाएगा जब मान्यता मिल जाएगी। मान्यता के लिए संस्था से जुड़े सभी गांव गांव और विभिन्न जिलों में भी अलख जगाने का कार्य करेंगे।
रखा संगम के अध्यक्ष एन. डी. रंगा ने कहा कि साहित्य एवं संस्कृति के प्रति नवनीत पाण्डे पूर्णरूप से समर्पित हैं। ऐसे विरल साहित्यिक-व्यक्तित्व को सम्मानित-अभिनंदित कर संस्थाएं स्वयं गौरवान्वित हुई है। संगीत भारती के निर्देशक डॉ. मुरारी शर्मा ने कहा कि नवनीत पाण्डे की विविध कला रूपों जैसे फोटोग्राफी, गायन, वादन आदि में रुचि रेखांकित किए जाने योग्य है। असल में वे कला की संपूर्णता के लिए विविध माध्यमों में अपनी अभिव्यक्ति की तलाश करते हैं।
नवनीत पाण्डे ने कार्यक्रम में राजस्थानी और हिंदी में विभिन्न प्रकार की कविताएं प्रस्तुत की, जिनमें क्षणिकाएं, दोहे, गीत, गजल और मुक्त छंद की अनेक रचनाएं शामिल थी। राजस्थानी में भायला, पतियारो, आप तो आप सा, अजब ओ मिनखीचारो को विशेष पसंद किया गया। वहीं नवनीत की कविता-यात्रा के विविध आयामों को उद्धाटित करती इन कविताओं में उनका प्रस्तुतीकरण विशेष उल्लेखनीय रहा। गीतों के क्रम में स्वनाम धन्य कवि हरीश भादाणी, मोहम्मद सदीक और अजीज आजाद को समर्पित गीतों को उन्हीं के अंदाज में गाते हुए गीतकार नवनीत पाण्डे ने अनेक चेहरों को अपनी आवाज के द्वार जैसे आंखों के सामने ला कर खड़ा कर दिया। इस जीवन की दौड़ अजब है गीत हरीश भादाणी, आम आदमी का गीत मोहम्मद सदीक और कल की बात गीत अजीज आजाद के लहजे में प्रस्तुत करना श्रोताओं को खूब लुभाया। लघु कविताओं में जहां व्यंग्य की विशेष रवानगी देखने को मिली वहीं लंबी मगर सधी हुई कविताओं में आज के सामाजिक हालतों पर कटाक्ष किया गया।
कवि नवनीत पाण्डे का संस्था द्वारा शाल ओढ़ाकर सम्मान किया गया तथा उन्हें अभिनंदन पत्र और श्रीफल के साथ अनेक साहित्यकारों ने साहित्य भेंट किया। कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ. नीरज दइया, चंद्रशेखर जोशी, राजाराम स्वर्णकार, प्रो. अजय जोशी, कांग्रेस नेता सुनीता गौड़, कवि पत्रकार हरीश बी. शर्मा, मोनिका गौड़, मुकेश व्यास, गिरधरदान रतनू, डॉ. ब्रह्माराम चौधरी, आत्माराम भाटी, डॉ. नरपरसिंह सांखला, एडवोकेट इसरार हसन कादरी, भगवानदास पडिहार, बृजगोपाल जोशी, जगदीश दान रतनू, डॉ. बसंती हर्ष, डॉ. कृष्णा आचार्य, डॉ. नमामी शंकर आचार्य, सुरेंद्र पुरोहित, नृसिंह बिन्नाणी, योगेंद्र पुरोहित, अमित गोस्वामी, डॉ. मोहम्मद फारूक, कासिम बीकानेरी, अविनाश व्यास, गिरिराज पारीक, मुनींद्र अग्निहोत्री, राजेश चौधरी, मांगीलाल भद्रवाल, चतुर्भुज शर्मा आदि अनेक गणमान्य जन उपस्थित हुए। कार्यक्रम का संचालन मुक्ति के सचिव कवि-कहानीकार राजेन्द्र जोशी ने किया तथा अंत में सभी आगंतुकों का संस्थाओं की तरफ से आभार लेखक नदीम अहमद ‘नदीम’ ने व्यक्त किया।

चंद्रशेखर जोशी

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