आदेश दिनांक 25.01.92 के अनुसार चयनित वेतनमान का लाभ, छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन स्थिरीकरण कर बकाया अन्तर राशि एवं उक्त वेतन स्थिरीकरण के उपरान्त अंतिम वेतन के आधार पर नियमानुसार देय उपदान की राशि तथा सेवानिवृŸिा के समय अवकाश खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि का भुगतान ब्याज सहित करने के आदेश
(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण का मामला)
जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर के पीठासीन अधिकारी श्री रामसिंह मीना ने प्रार्थीगण देवीलाल भाट, डालचन्द डांगी, श्रीमती नीता मिश्रा, मांगीलाल व्यास, हरिओम अग्रवाल, श्रीमती शगुफ्ता अंजुम, फैयाज हुसैन, मोतीसिंह राठौड, कुलदीप सिंह चाहर, कैलाश चन्द चौराडिया, श्रीमती मधु बोर्डिया, रामलाल भाट एवं श्रीमती आशा पोरवाल का आवेदन स्वीकार कर अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, विद्या भवन सोसायटी, उदयपुर एवं इसके अन्तर्गत संचालित संस्थाओं को निर्देशित किया कि वे प्रार्थीगणों को राज्य सरकार के आदेश दिनांक 25.01.1992 के अनुसार चयनित वेतनमान का लाभ, राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 के अनुसार वेतन स्थिरीकरण दिनांक 01.09.2006 से किया जाकर बकाया वेतन की अन्तर राशि, प्रार्थी मधु बोर्डिया को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 1998 के अनुसार वरिष्ठ और चयनित वेतनमान का लाभ एवं प्रार्थीगण देवी लाल, कुलदीप सिंह, आशा पोरवाल को नियमानुसार देय अन्तिम वेतन के आधार पर संगणना कर उपदान की राशि एवं उनके अवकाश खाते में कार्यमुक्ति की दिनांक को बकाया उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि का भुगतान एवं प्रार्थी कैलाश चन्द को त्यागपत्र दिये जाने की दिनांक को बकाया उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि के भुगतान के आदेश दिये एवं प्रार्थीगण को सम्पूर्ण राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देय ब्याज सहित अदा करेगें। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीगण की नियुक्ति अप्रार्थी संस्था में विभिन्न पदों नियमानुसार चयन प्रक्रिया अपनाये जाने के पश्चात् हुई थी। तत्पश्चात् प्रार्थी देवीलाल, कुलदीप सिंह एवं आशा पोरवाल अप्रार्थी संस्था से सेवानिवृŸा हो गये एवं शेष प्रार्थीगणों ने आवेदन प्रस्तुत किये जाने तक निरन्तर अप्रार्थी संस्था में सेवा कार्य किया। प्रार्थीगण द्वारा अप्रार्थी संस्था में अपनी सेवायें सम्पूर्ण निष्ठा के साथ ईमानदारीपूर्वक दी गई लेकिन अप्रार्थी संस्था द्वारा प्रार्थीगणों को उपरोक्त बताये गये लाभों का भुगतान नहीं किया गया। प्रार्थीगण ने इससे पीड़ित होकर अपने अधिवक्ता डी.पी. शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर उक्त लाभ दिलाने का निवेदन किया। प्रार्थीगण के अधिवक्ता का तर्क था कि अप्रार्थी संस्था राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत होते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त है एवं इसे अनुदान की राशि भी प्रार्थीगण के सेवारत रहने के दौरान प्राप्त होती रही है फिर भी कुछ प्रार्थीगण को सेवानिवृŸिा के समय राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम 1993 के नियम 82 के अनुसार उपदान की राशि तथा खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि नियम, 1993 के नियम 51 के अनुसार नहीं दी गई। इसके अलावा कुछ प्रार्थीगण को कार्यरत रहने के दौरान राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 की धारा 29 व राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम, 1993 के नियम 34 के अनुसार राज्य कर्मचारियों के समान उक्त लाभ प्रदान नहीं किये गये जो कि प्रार्थीगण अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारी थे। अतः मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त लाभ नियमानुसार ब्याज सहित प्रार्थीगण को अदा करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।
डी.पी. शर्मा
एडवोकेट
मो.नं. 9414284018