भराव क्षमता कम किए जाने पर कांग्रेस करेगी विरोध-मेघवाल

कांग्रेस शासन में ही बन चुकी थी डिजायन एवं ड्राइंग

baran samacharफ़िरोज़ खान
बारां 04 जून। कांग्रेस जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल ने भाजपा सरकार द्वारा परवन वृहद सिंचाई परियोजना (अकावद बांध) की अंतिम डिजायन, ड्राइंग और सर्वे का कार्य पुनः करवाए जाने को नोटंकी बताया है। साथ ही कहा कि भाजपा सरकार ने पहले तो तीन साल तक राजनैतिक द्वेषता के कारण परवन परियोजना का कोई कार्य नही करवाया और अब अपनी कथित गलती को छुपाने के लिए सर्वे का कार्य पुनः शुरू करवा दिया।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष मेघवाल ने बताया कि राजस्थान पत्रिका में 04 जून को प्रकाशित खबर के अनुसार परवन बांध के लिए पुनः डिजायन, ड्रांइग व सर्वे का कार्य चल रहा है, जबकि कांग्रेस शासन के दौरान ही बांध निर्माण के लिए आईआईटी रूडकी से साईट स्पेसिफिक स्टडी की रिपोर्ट 10 फरवरी 2009 को प्राप्त की जा चुकी है। वहीं 14 अगस्त 2009 को गुजरात इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट बडौदा से वर्किंग माॅडल तैयार करवाया जा चुका है। बांध की डिलाईन एवं भूकम्प की गणना हेतु स्टेट रिमोट सेंसिंग की रिपोर्ट 15 जुलाई 2010 को प्राप्त कर ली गई है।
उन्होनें बताया कि केचमेन्ट एरिया ट्रीटमेन्ट प्लान एवं डेम ब्रेक स्टडी भारत सरकार को 21 अगस्त 2010 में प्रस्तुत की गई। बांध के गेटो की डिजाईन केन्द्रीय जल आयोग से 8 सितम्बर 2010 को स्वीकृत करवा ली गई है।
मेघवाल ने कहा कि उक्त समस्त प्रकार से परवन बांध की डिजाइन, ड्राइंग व सर्वे का कार्य कांग्रेस शासन के दौरान ही पूर्ण करवाया जा चुका है, लेकिन भाजपा सरकार द्वारा तीन साल तक राजनैतिक द्वेषता के कारण बांध निर्माण का कार्य प्रारंभ नही करवाए जाने की अपनी गलती को छुपाने के लिए पुनः परवन परियोजना की डिजायन, ड्राइंग और सर्वे का कार्य करवाने की नोटंकी की जा रही है, जबकि इसकी कोई आवश्यकता नही है। कांग्रेस शासन के दौरान परवन बांध की डिजाइन, ड्राइंग व सर्वे कार्य करवाए जाने की प्रमाणित प्रतियां कोई भी आमजन जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय, बारां में देख सकते है।
उन्होनें बताया कि उक्त प्रकाशित खबर के अनुसार आगामी 17 जुलाई को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, भोपाल में सुनवाई होने तथा वहां से अंतिम निर्णय के बाद ही इस जीवनदायिनी परियोजना का कार्य शुरू होने के लिए लिखा गया है। वहां विचाराधीन प्रकरण संख्या 159/2016 तेजपाल सिंह एवं अन्य बनाम राजस्थान सरकार में 20 फरवरी 2017 को परवन वृहद सिंचाई परियोजना के निर्माण पर स्टे जारी करने एवं 27 मार्च 2017 को स्टे को आगे बढाने पर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री प्रमोद भाया द्वारा माननीय न्यायालय में पक्षकार/प्रतिवादी बनाने का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसे माननीय न्यायालय द्वारा स्वीकार किया जाकर 25 अप्रेल 2017 को माननीय न्यायालय ने इस प्रकरण में श्री भाया के निजी अधिवक्ता वरूण नायर एवं एम.एस.ठाकुर द्वारा परवन परियोजना पर दिये गये स्टे को निरस्त करने पर बहस की।
मेघवाल ने कहा कि माननीय ग्रीन ट्रिब्यूनल न्यायालय में की गई प्रभावी पेरोकारी के कारण माननीय न्यायालय ने श्री भाया के निजी अधिवक्ताओं के तर्को से सहमति जताते हुए 20 फरवरी 2017 एवं 27 मार्च 2017 को जारी स्टे आर्डर को निरस्त कर दिया। आमजन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, भोपाल द्वारा जारी आदेश की प्रमाणितशुदा प्रति का अवलोकन भी जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय, बारां में कर सकते है।
मेघवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राजस्थान सरकार की अनापत्ति के बिना परवन नदी पर मोहनपुरा बांध का 2 वर्ष से निर्माण कार्य चलाया जाकर परवन बांध की भराव क्षमता को बाधित किया जा रहा है, जबकि बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए मध्यप्रदेश सरकार को बांध बनाने का कोई अधिकार नही था। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाए जा रहे मोहनपुरा बांध के निर्माण कार्य को रूकवाए जाने के लिए वर्तमान भाजपा सरकार को तुरन्त कार्यवाही करनी चाहिए थी। इसके बावजूद यदि निर्माण कार्य नही रोका जाता तो केन्द्रीय जल आयोग के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करवानी चाहिए थी ताकि वहां से मध्यप्रदेश सरकार को उक्त नदी पर मोहनपुरा बांध निर्माण करवाने की स्वीकृति जारी नही हो पाती। लेकिन राजस्थान सरकार की उदासीनता के चलते मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बिना सहमति प्राप्त किए मोहनपुरा बांध का कार्य किया जा रहा है जो इस वर्ष लगभग पूर्ण हो जाएगा। गौरतलब है कि परवन नदी पर अकावद बांध बनाने से पूर्व तत्कालीन राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया था।
मेघवाल ने कहा कि मोहनपुरा बाध्ंा का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने पर परवन बांध में पानी की आवक कम हो जाएगी। अपनी इस जबरदस्त गलती को छुपाने के लिए ही भाजपा सरकार एक बार पुनः सर्वे करवाकर बांध की भराव क्षमता की ऊंचाई को कम करना चाहती है। इसके कारण इस परियोजना से लाभान्वित होने वाले किसानों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध नही हो सकेगा। मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान स्वीकृत परवन वृहद सिंचाई परियोजना की डेम की ऊंचाई एवं भराव क्षमता को कम करने का प्रयास किया गया तो किसानों के हितों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा उग्र प्रदर्शन कर महापडाव डाला जाएगा।

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