निजी स्कूलों में फीस कानून विरोधाभासी

राजस्थान प्राईवेट एज्युकेषन एसोसिएषन कोर कमेटी की बैठक में जिले से पदाधिकारियों ने भाग लेकर की कई मुद्दांे पर की चर्चा

br1फ़िरोज़ खान
बारां 6 जून। राजस्थान प्राईवेट एज्युकेषन एसोसिएषन की कोर कमेटी की गत दिनों अजमेर के वैषालीनगर में हुई बैठक में जिले से भी पदाधिकारियों ने भाग लिया। इसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रदेष प्रभारी प्रमोद षर्मा एडवोकेट ने बताया कि बैठक में राज्य सरकार की ओर से निजी स्कूलों में फीस कानून लागू करने को लेकर षिक्षा विभाग की ओर से नोटिस की कार्यवाही करने, ज्यादा फीस लेने वाले स्कूलो में अंकुष लगाने सहित कई मुद्दो पर विचार विमर्ष किया गया। बाद में षिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को एसोसिएषन के प्रदेष अध्यक्ष कैलाषचंद्र षर्मा ने निजी स्कूलों में फीस कानून विरोधाभासी बताते हुये कहा कि पहले ज्यादा फीस लेने वाले स्कूलों पर अंकुष लगाना चाहिए। षिक्षा विभाग निजी स्कूलो को नोटिस जारी का लीपा-पोती का कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि सभी संचालकों की आम सभा आयोजित की जा रही है। सरकार को फीस अधिनियम नवम्बर माह में जारी करना चाहिए था। बैठक में प्रदेष संयोजक हेमेन्द्र बारोटिया ने बताया कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। प्रदेष में बिना मान्यता के कई स्कूल संचालित हो रहे है। जिला संरक्षक आर के षक्तावत ने बताया कि षिक्षा विभाग ने आरटीई अधिनियम के तहत अभी तक प्रदेष स्तर पर कई जिलों में प्रथम व द्वितीय किस्तो का भुगतान नहीं किया है। जिला प्रभारी अषोक कष्यप ने बताया कि षिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों में बिना टीसी के प्रवेष दिया जा रहा है। प्रदेष प्रभारी प्रमोद षर्मा ने बताया कि इस वर्श माध्यमिक षिक्षा बोर्ड ने पाठयक्रम में संषोधन किया। वहीं छात्रों के साथ कुठाराघात करते हुए मेरिट लिस्ट से वंचित कर दिया गया।

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