ग्रामसेवक अब निर्णयात्मक आन्दोलन की राह पर

badmer newsबाड़मेर 07.06.2017
राजस्थान ग्रामसेवक संघ के प्रदेष नेतृत्व के आह्वान पर जिला शाखा बाड़मेर द्वारा जिलाध्यक्ष मूलाराम पूनिया के नेतृत्व में 15 जून 2017 से प्रस्तावित अनिष्चितकालीन कलम बन्द असहयोग आन्दोलन को ज्ञापन माननीया मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री, मुख्य सचिव तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के नाम श्रीमान जिला कलेक्टर बाड़मेर तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदय को सौपें गये।
राजस्थान ग्रामसेवक संघ विगत 15 माह से 11 सूत्री मांग पत्र की मांगों को लेकर संघर्षरत है, संगठन द्वारा बार-बार ज्ञापन देने के उपरान्त भी सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई। ग्रामसेवक संघ द्वारा अक्टुम्बर 2016 में किये गये असहयोग आन्दोलन के फलस्वरूप 10 अक्टुम्बर 2016 को सरकार द्वारा संगठन से लिखित समझौता कर एक माह में मांगों के सकारात्मक निस्तारण का आष्वासन दिया गया। अक्टुम्बर 2016 के लिखित समझौते को एक माह के स्थान पर पाँच माह व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी एक भी मांग का निस्तारण नहीं होने से आहत् ग्रामसेवक संघ द्वारा मार्च 2017 में पुनः चरण बद्ध आंदोलन प्रारम्भ किया गया तथा 23 मार्च, 2017 को विधान सभा पर विषाल आक्रोष रैली आयोजित कर सरकार का ध्यानाकर्षण किया, जिस पर माननीय गृहमंत्री राजस्थान सरकार द्वारा वार्ता की जाकर 7 अप्रेल तक मांगों पर उचित कार्यवाही का आष्वासन दिया गया फिर भी सरकार असंवेदनषील बनी रही तथा 11 सूत्री मांगपत्र पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नही की गई । ग्रामसेवक संघ की प्रदेष कार्यकारिणी एंव सेवानिवृत ग्रामसेवकांे द्वारा दिनांक 10 अप्रेल, 2017 से षहीद स्मारक जयपुर पर आमरण अनषन प्रारम्भ किया गया। जिस पर विभागीय मंत्री महोदय ने संवेदनषीलता का परिचय देते हुए दिनांक 11 अप्रेल 2017 को विभागीय उच्चाधिकारियों एवं संगठन के पदाधिकारियो की समझौता वार्ता की अध्यक्षता कर 8 मांगों पर लिखित समझौता कर 45 दिवस में समस्त बिन्दुओं पर सकारात्क आदेष जारी करने का आष्वासन दिया। खेद का विषय है कि लिखित समझौते के बाद भी आज दिनांक तक एक भी मांग का निराकरण नहीं किया गया है। आपका विषेष ध्यानाकर्षण करना चाहेगें कि माननीय मंत्री महोदय द्वारा दिनांक 27 मार्च 2017 को विधानसभा में विभागीय मांगो का उत्तर देते हुए संगठन की दो महत्वपूर्ण मांगों-ग्रामसेवक का पद नाम परिवर्तित कर ग्राम विकास अधिकारी करना एवं सेवानिवृत ग्रामसेवकों के चार वर्षो से लम्बित पेंषन प्रकरणों का एक माह में निस्तारण करने की घोषणा की गई। उक्त दोनों घोषणाओं को 2 माह व्यतीत हो जाने के बाद आज दिनांक तक कोई आदेष प्रसारित नहीं किये गये है जो कि माननीय सर्वोच्च सदन की अवमानना है। विभाग द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर वाद अषोक कुमार वगैरह में सरकार की रिव्यू एस. एल. पी. खारिज होने व नो अपील के निर्णय (दिनांक 04 जनवरी 2017), डी. आर. डी. ए. के छंटनी षुदा कार्मिकों को पुनर्नियुक्ति की दिनांक से ग्रामसेवक के पद पर समायोजित करने के मंत्री मण्डलीय उप समिति के निर्णय (दिनांक 27 दिसम्बर 2016), ग्रामसेवकों की वेतन विसंगति को दूर करने के सम्बन्ध में 1995, 26 मार्च 2008, 10 अक्टूबर 2016 व 11 अप्रेल 2017 के लिखित समझौते व आष्वासन (ग्रेड पे बोते के बाद भी सरकार की हमारी मांगो के प्रति असवेंदनषीलता एवं विभागीय शोषण की पराकाष्ठा से त्रस्त ग्रामसेवक संवर्ग ने अपने हितों की रक्षार्थ राज्य सरकार के पण्डित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण पट्टा अभियान एवं न्याय आपके द्वार अभियान सहित समस्त राजकीय कार्याें का पूर्ण बहिष्कार कर अब ”आर-पार के संघर्ष का निर्णय किया है, संगठन द्वारा 15 जून 2017 से अनिष्चितकालीन कलम बन्द असहयोग आदोंलन‘‘ प्रारम्भ किया जायेगा जो कि माननीय न्यायालयों एवं सदन की अवमानना के लिये उत्तरदायित्व निर्धारित कर सम्बन्धित के विरूद्ध ठोस कार्यवाही करने एवं संगठन के 11 सूत्री मांग पत्र पर हुए लिखित समझोतों के अनुरुप आदेष प्रसारित करने तक जारी रहेगा। जिसके लिये सरकार एवं विभाग पूर्णतः उत्तरदायी होगें।

ओमप्रकाष जांगिड़
जिला संयोजक
मो. 9928383285

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