डॉ लाल थदानी ने लू तापघात से बचाव पर कार्ययोजना प्रस्तुत की

IMG-20170610-WA0004झालाना डूंगरी स्थित राज्य स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र में राज्य स्तर की कार्यशाला में उप मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ लाल थदानी ने लू तापघात से होने वाली बीमारियों से बचाव पर कार्ययोजना प्रस्तुत की । इसमें राज्य स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र अहमदाबाद और जयपुर के निदेशक , आपदा विभाग यूनिसेफ और मौसम विभाग, आई डी एस पी के अधिकारी , स्वास्थ्य निदेशालय के अधिकारी डॉ वी के माथुर , डॉ आत्रे , और सभी जिलों के उप मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी भी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर संमानित किया गया । कार्ययोजना के तहत जिला एवं ब्लॉक् स्तर पर जिला कलेक्टर और उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों की समन्वय समिति प्रभावितों को तुरंत राहत देने हेतु चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ व आशा सहयोगिनियों के माध्यम से आमजन में जागरूकता लाने व बचाव के साथ-साथ प्राथमिक उपचार देगी। सभी अस्पतालों में लू-तापघात के रोगियों हेतु कुछ बैड आरक्षित रखते हुए वहां कूलर व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार हेतु आपातकालीन किट में ओर.आर.एस., ड्रिपसेट, जी.एन.एस./जी.डी.डब्लू/रिगरलेकट्रेट (आर.एल.) फ्लूड एवं आवश्यक दवाईयां रखने के उपाय दिए हैं। नरेगा कार्यस्थल पर ए एन एम फर्स्ट एड किट के साथ श्रमिकों से मिले । सभी सार्वजनिक और कार्यस्थलों पर धूप से बचने और पीने के पानी की पर्याप्त व्यावस्था हो।

-लू तापघात से बचाव के लिये ये सावधानियां बरते :
भीषण गर्मी के चलते लू-तापघात व पेट सम्बन्धी संक्रमण की आशंका कई गुणा बढ़ गई है ऐसे में स्वास्थ्यकर्मी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपस्थिति के साथ-साथ फील्ड में भी पर्याप्त नजर रखें। सभी संस्थान आवश्यक दवाओं का वांछित स्टॉक रखें।
डॉ. थदानी के अनुसार मौसमी बीमारियों के समय फील्ड में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए परीक्षा का समय होता है। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी से लेकर एएनएम तक सभी मुख्यालय पर शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित हो तथा उल्टी-दस्त-बुखार के रोगियों पर विशेष नजर रखी जाए।आशा-एएनएम और आंगनवाड़ी समुदाय से रोगियों का चिन्हीकरण कर उपचार हेतु नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजने की अपेक्षा की है ।

लू तापघात के लक्षण
– सिर का भारीपन व सिरदर्द।
– अधिक प्यास लगाना व शरीर में भारीपन के साथ थकावट
– जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना (105 एफ या अधिक)।
– पसीना आना बंद होना, मुॅह का लाल हो जाना व त्वचा का सूखा होना।
– बेहोशी जैसी स्थिति का होना/बेहोश होना।

? *लू से बचने के घरेलू उपाय*?
?गर्मी के मौसम में गर्म हवा और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है. और हम सब जानते हुए भी अनजान रहते है
?जहां तक संभव हो धूप में न निकले , धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढ़का हो। अगर सम्भव हो तो धूप में बाहर जाते समय हमेशा गमछे या तौलिये से सिर ढकें रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें ।सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें।
?घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर बाहर निकलें आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत ज्यादा फायदेमंद है ।
?तेज धूप से आते ही और ज्यादा पसीना आने पर फौरन ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए
?गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो ।
?निम्बू पानी , नारियल जूस ,सब्जियों के सूप का सेवन करने से भी लू से बचा जा सकता है ।प्याज का रस शहद में मिलाकर चाटने या गुड़ , टमाटर की चटनी, नारियल और पेठा खाने से भी लू नही लगती ।
?धूप में बाहर जाते वक्त खाली पेट नहीं जाना चाहिए ।
गर्मी के दिनों में हल्का भोजन करना चाहिए. भोजन में दही और प्याज को शामिल करना चाहिए ।सड़े-गले फल व बासी सब्जियों का उपयोग हरगिज ना करें।
?नहाने से पहले जौ के आटे अथवा बेसन का लेप
बनाकर शरीर पर लगाकर कुछ देर बाद नहाने से लू का असर कम होता है ।शरीर पर घमौरियां नही होती ।
?लू से बचने के लिए कच्चे आम का लेप बनाकर पैरों के तलवों पर मालिश करनी चाहिए ।
– लू तापघात से प्रायः कुपोषित बच्चे, वृद्व गर्भवती महिलाऐं ,श्रमिक अदि शीध्र प्रभावित हो सकते हैं। इन्हे प्रायः 10 बजे से सांय 6 बजें तक तेज गर्मी से बचाने हेतु छायादार ठंडे स्थान पर रहने का प्रयास करें।
– अकाल राहत कार्यों पर अथवा श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जावे ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छांयादार स्थानों पर विश्राम कर सकें।
बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों से बचें, रेल बस आदि की यात्रा अत्यावश्यक होने पर ही करें ।

कार्ययोजना में हुए स्वास्थ्य कर्मियों को सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने, अलर्ट रहने व आम जन से अगले 2 माह विशेष एहतियात बरतने की अपील की है।वाली बीमारियों से बचाव पर कार्ययोजना प्रस्तुत की । इसमें राज्य स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र अहमदाबाद और जयपुर के निदेशक , आपदा विभाग यूनिसेफ और मौसम विभाग, आई डी एस पी के अधिकारी , स्वास्थ्य निदेशालय के अधिकारी डॉ वी के माथुर , डॉ आत्रे , और सभी जिलों के उप मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी भी उपस्थित थे। जिला एवं ब्लॉक् स्तर पर जिला कलेक्टर और उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में
विभिन्न विभागों की समन्वय समिति का गठन की सलाह देते हुए डॉ लाल थदानी ने कार्ययोजना में प्रभावितों को तुरंत राहत देने हेतु चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ व आशा सहयोगिनियों के माध्यम से आमजन में जागरूकता लाने व बचाव के साथ-साथ प्राथमिक उपचार सिखाने पर जोर दिया। उन्होंने सभी अस्पतालों में लू-तापघात के रोगियों हेतु कुछ बैड आरक्षित रखते हुए वहां कूलर व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार हेतु आपातकालीन किट में ओर.आर.एस., ड्रिपसेट, जी.एन.एस./जी.डी.डब्लू/रिगरलेकट्रेट (आर.एल.) फ्लूड एवं आवश्यक दवाईयां रखने के उपाय दिए हैं। नरेगा कार्यस्थल पर ए एन एम फर्स्ट एड किट के साथ श्रमिकों से मिले ।

लू-तापघात से बचाव के लिये ये सावधानियां बरते :
भीषण गर्मी के चलते लू-तापघात व पेट सम्बन्धी संक्रमण की आशंका कई गुणा बढ़ गई है ऐसे में स्वास्थ्यकर्मी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपस्थिति के साथ-साथ फील्ड में भी पर्याप्त नजर रखें। सभी संस्थान आवश्यक दवाओं का वांछित स्टॉक रखें।
डॉ. थदानी के अनुसार मौसमी बीमारियों के समय फील्ड में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए परीक्षा का समय होता है। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी से लेकर एएनएम तक सभी मुख्यालय पर शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित हो तथा उल्टी-दस्त-बुखार के रोगियों पर विशेष नजर रखी जाए।आशा-एएनएम और आंगनवाड़ी समुदाय से रोगियों का चिन्हीकरण कर उपचार हेतु नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजने की अपेक्षा की है ।
लू तापघात के लक्षण
– सिर का भारीपन व सिरदर्द।
– अधिक प्यास लगाना व शरीर में भारीपन के साथ थकावट
– जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना (105 एफ या अधिक)।
– पसीना आना बंद होना, मुॅह का लाल हो जाना व त्वचा का सूखा होना।
– बेहोशी जैसी स्थिति का होना/बेहोश होना।

? *लू से बचने के घरेलू उपाय*?
?गर्मी के मौसम में गर्म हवा और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है. और हम सब जानते हुए भी अनजान रहते है , ?जहां तक संभव हो धूप में न निकले , धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढ़का हो। अगर सम्भव हो तो धूप में बाहर जाते समय हमेशा गमछे या तौलिये से सिर ढकें रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें ।
सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें।
?घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर बाहर निकलें आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत ज्यादा फायदेमंद है ।
?तेज धूप से आते ही और ज्यादा पसीना आने पर फौरन ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए
?गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो ।
?निम्बू पानी , नारियल जूस ,सब्जियों के सूप का सेवन करने से भी लू से बचा जा सकता है ।प्याज का रस शहद में मिलाकर चाटने या गुड़ , टमाटर की चटनी, नारियल और पेठा खाने से भी लू नही लगती ।
?धूप में बाहर जाते वक्त खाली पेट नहीं जाना चाहिए ।
गर्मी के दिनों में हल्का भोजन करना चाहिए. भोजन में दही और प्याज को शामिल करना चाहिए ।सड़े-गले फल व बासी सब्जियों का उपयोग हरगिज ना करें।
?नहाने से पहले जौ के आटे अथवा बेसन का लेप
बनाकर शरीर पर लगाकर कुछ देर बाद नहाने से लू का असर कम होता है ।शरीर पर घमौरियां नही होती ।
?लू से बचने के लिए कच्चे आम का लेप बनाकर पैरों के तलवों पर मालिश करनी चाहिए ।
– लू तापघात से प्रायः कुपोषित बच्चे, वृद्व गर्भवती महिलाऐं ,श्रमिक अदि शीध्र प्रभावित हो सकते हैं। इन्हे प्रायः 10 बजे से सांय 6 बजें तक तेज गर्मी से बचाने हेतु छायादार ठंडे स्थान पर रहने का प्रयास करें।
– अकाल राहत कार्यों पर अथवा श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जावे ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छांयादार स्थानों पर विश्राम कर सकें।
बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों से बचें, रेल बस आदि की यात्रा अत्यावश्यक होने पर ही करें ।

कार्ययोजना में हुए स्वास्थ्य कर्मियों को सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने, अलर्ट रहने व आम जन से अगले 2 माह विशेष एहतियात बरतने की अपील की है।

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