राजुवास में कृषक-वैज्ञानिक संवाद का आयोजन

कृषक और पशुपालकों की समस्याओं को लेकर अनुसंधान
कार्यों की महत्ती शुरूआतः कुलपति प्रो. छीपा

DSC_7265बीकानेर, 3 अगस्त। वेटरनरी विष्वविद्यालय में जिले के कृषक-पषुपालक वैज्ञानिक संवाद का दो दिवसीय कार्यक्रम गुरूवार से पषुधन चारा संसाधन प्रबंधन एवं तकनीक केन्द्र में शुरू हो गया। आत्मा परियोजना की केफेटेरिया गतिविधि बी-11 (ए) के तहत आयोजित संवाद में जिले के 30 कृषक-पषुपालक और राजुवास के वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। वेटरनरी विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. छीपा ने संवाद कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि किसान और पषुपालकों की समस्याओं को चिन्हित कर उनके निराकरण के लिए अनुसंधान किया जाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने संवाद को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि इसका उद्देष्य क्षेत्रीय समस्याओं को चिन्हित करके किसान और पषुपालकों की समस्याओं के समाधान की नई अनुसंधान परियोजनाएं स्वीकृत की जा सकेगी। कुलपति प्रो. छीपा ने कहा कि कृषक स्वंय कृषि वैज्ञानिक हैं अतः उनके लिए लेण्ड-टू-लैब जैसे कार्यक्रम अधिक सार्थक सिद्व हुए हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे वैज्ञानिक खेती-बाड़ी और पषुपालन के वैज्ञानिक तौर तरीकों की जानकारी सहज और सरल भाषा में बताएं। यह सारगर्भित और संक्षिप्त रूप में उन्हें खेती कार्य में राहत देने वाली होनी चाहिए। मृदा रसायन वैज्ञानिक कुलपति प्रो. छीपा ने संवाद में षिरकत करते हुए संभागियों को मृदा के नमूने एकत्रित कर जांच कार्य के विभिन्न पहलुओं के बारे में उपयोगी जानकारी दी। इस अवसर पर कुलपति प्रो. छीपा ने राजुवास के प्रसार शिक्षा निदेशालय के मासिक प्रकाशन “पशुपालन नए आयाम“ के ताजा अंक का विमोचन किया। आयोजन सचिव एवं प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. आर.के. धूड़िया ने बताया कि पशु आहार प्रबंधन, संरक्षण और पशुपोषण, पशुरोग निदान व उपचार जैसे विषयों पर राज्य में गत वर्ष 827 प्रशिक्षणों में 25 हजार कृषक और पशुपालकों को लाभान्वित किया गया है। केन्द्र में कृषक-वैज्ञानिक संवाद का अनूठा कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया जा रहा है जिससे अनुसंधान कार्यों को नए आयाम मिल सकेंगे। समारोह में उप निदेशक (कृषि) एवं पदेन परियोजना निदेशक ’आत्मा’ श्री बी.आर. कड़वा ने बताया कि संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य किसान और पशुपालकों की क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान के लिए सरकार द्वारा अनुसंधान परियोजनाओं को स्वीकृति दी जाएगी। आत्मा परियोजना में कृषक और पशुपालकों के लिए वित्तीय प्रावधानों की कमी नहीं है। उद्घाटन सत्र में प्रगतिशील कृषक परमेश्वरलाल (श्रीडूंगरगढ़) और पशुपालक नवीन सिंह तंवर (बीकानेर) ने अपने विशिष्ट कार्यों और अनुभवों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में निदेशक क्लिनिक्स प्रो. जे.एस. मेहता, पशु पोषण विभाग के प्रो. राधेश्याम आर्य, अनुसंधान सह निदेशक प्रो. ए.ए. गौरी, कुलपति के प्रशासनिक सचिव प्रो. बी.एन. श्रंृगी सहित अन्य राजुवास वैज्ञानिक उपस्थित थे। कृषि अधिकारी श्री अमर सिंह ने सभी का आभार जताया। केन्द्र के दिनेश आचार्य ने कार्यक्रम का संचालन किया। सवंाद के प्रथम सत्र में प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. आर.के. धूड़िया, निदेशक क्लिनिक्स प्रो. जे.एस. मेहता, उप निदेशक श्री बी.आर. कड़वा और डॉ. अशोक गौड़, सहायक प्राध्यापक ने संवाद कार्यक्रम में भाग लिया।
समन्वयक
जनसम्पर्क प्रकोष्ठ

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