कृषि अधिकारियों की तीन दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

bikaner samacharबीकानेर, 4 अगस्त 2017। राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान, जयपुर द्वारा नौ जिलों के 40 कृषि अधिकारियों की तीन दिवसीय कार्यशाला का शनिवार को समापन हुआ। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में नहर के बूंद-बूंद पानी का सम्पूर्ण उपयोग करते हुए ‘पर ड्रोप मोर क्रोप’ के संबंध में गहन विचार विमर्श किया गा।

शुक्रवार को आयोजित विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने में बूंद-बूंद पानी के समुचित उपयोग को अनिवार्य बताया। ड्रिप एवं स्पि्रक्लर विशेषज्ञ ए. के. सिंह ने नहरी क्षेत्र में ड्रिप सिस्टम के स्ट्रक्चर एवं किस फसल को कब एवं कितना पानी दें, की जानकारी दी। उन्होंने ड्रिप एवं स्पि्रंक्लर के रखरखाव की जानकारी दी। डॉ. आर. एच. यादव ने नहरी क्षेत्र में खरपतवार की रोकथाम एवं डॉ. बी. एस. यादव ने नहरी क्षेत्र में ड्रिप एवं स्पि्रंक्लर सिस्टम की आवश्यकता के बारे में बताया।

कार्यशाला में बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, बांसवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, जयपुर, टौंक व दौसा के अधिकारियों ने भागीदारी निभाई। नहर के बूंद-बूंद पानी के सदुपयोग के साथ, इस पानी को डिग्गी में स्टोर करने तथा ड्रिप एवं स्पि्रंक्लर सिस्टम के माध्यम से फसल एवं फलोत्पादन को बढ़ाने की तकनीकों के बारे में जाना। वहीं, फसलों में कीड़ों और बीमारियों की रोकथाम के लिए किए जाने वाले उपायों की जानकारी भी दी गई। जिले की ओर से संयुक्त निदेशक डॉ. आनंद स्वरूप छींपा, उपनिदेशक डॉ. उदयभान, आत्मा के परियोजना निदेशक डॉ. बी. आर. कड़वा और सहायक निदेशक डॉ. जयदीप दोगने ने भागीदारी निभाई।

डॉ. दोगने ने बताया कि कार्यशाला के दौरान कृषि अधिकारियों ने लूनकरनसर क्षेत्र के प्रगतिशील किसान सहीराम गोदारा के खेत का भ्रमण किया। सहीराम डिग्गी, सोलर सिस्टम एवं ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से बाजरा, मूंग एवं ग्वार की फसल लेता है। सहीराम के खेत में 25 लाख लीटर की डग्गी बनी है। वहीं, पॉली हाउस के माध्यम से खीरे की फसल भी होती है। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय कार्यशाला के दौरान विभिन्न जानकारियों कृषि वैज्ञानिकों को दी गई।

पं दीन दयालय विशेष योग्यजन शिविर-अन्य दस्तावेज भी मान्य

बीकानेर, 4 अगस्त। पंडित दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविर योजना के प्रथम चरण के तहत चिन्हीकरण के कार्य में ड्राइविंग लाईसेंस, राशन कार्ड, मतदाता पहचान कार्ड में से किसी भी दस्तावेज को स्वीकार किया जा सकेगा।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल.डी. पंवार ने बताया कि इस संबंध में जारी नए आदेशानुसार मूल निवास प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं होने पर इनमें से किसी भी दस्तावेज को स्वीकार किया जा सकेगा। साथ ही आय प्रमाण पत्र के रूप में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित स्वयं की घोषणा आधारित आय प्रमाण पत्र भी स्वीकार्य होगा। इस संबंध में जिला स्तर पर आ रही समस्याओं के समाधान करने के लिए निदेशालय स्तर पर एक चार सदस्य समिति का भी गठन किया गया। उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्रथम चरण में जिले में विशेषयोग्यजनो के चिन्हीकरण का कार्य किया जा रहा है। वहीं, अगले दो चरणों में चिन्हित दिव्यांगों को पंजीयन, प्रमाणीकरण एवं कृत्रिम अंग, उपकरण देकर लाभान्वित किया जाएगा।

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‘फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन’ में भाग लेंगे बीकानेर के दो मेधावी विद्यार्थी

बीकानेर, 4 अगस्त। राज्य सरकार और जेम्स समूह के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर एक्जीबिशन एवं कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में शनिवार से प्रारम्भ होने वाले दो दिवसीय ‘फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन’ में बीकानेर के दो मेधावी विद्यार्थी भाग लेंगे।

रमसा के एडीपीसी हेतराम सारण ने बताया कि फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन में राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय कालू के विद्यार्थी अनिल भादू एवं राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय खियेरा के लीलाधर ज्याणी पांच अगस्त को जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने बताया कि ‘फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन’ के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे राज्य के विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण के लिए बनाए गए सीएसआर पोर्टल ‘ज्ञान संकल्प’ और ‘मुख्यमंत्री विद्यादान कोष’ का विधिवत लोकार्पण करेंगी। इसके जरिए कॉरपोरेट सोशल रेस्पोन्सिबलिटी के तहत कॉरपोरेट, दानदाता और स्वयंसेवी संस्थान राज्य के विद्यालयों के विकास के लिए ऑनलाईन सहयोग कर सकेंगे। सहयोग राशि आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के तहत आयकर मुक्त होगी।

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’बिका हुआ माल वापिस नहीं’ जैसे वाक्य हटाने के आदेश

बीकानेर, 4 अगस्त। जिले के व्यापारियों को उनके यहां से जारी किए जाने वाले बिलों तथा केशमीमो पर बिका हुआ माल वापिस नहीं होगा जैसे वाक्य हटाने के आदेश जारी किए गए हैं।

संभागीय उपभोक्ता संरक्षण अधिकारी एवं पदेन सहायक नियंत्रक विधिक माप विज्ञान ने बताया कि व्यापारियों द्वारा जारी किए जा रहे केशमीमो तथा बिलों पर -बिका हुआ माल वापस या एक्सचेंज नहीं होगा जैसी शर्तें छपी होना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि सभी व्यापारियों को बिलों से ऎसे वाक्य हटाने के लिए पाबंद किया गया है। अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं को दोषपूर्ण सेवाओं या वस्तुओं को बदले जाने या धनराशि वापसी का अधिकार है। उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने पर संबंधित के विरूद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। उपभोक्ताओ के अधिकारों के संरक्षण के लिए व्यापारियों को केशमीमो तथा बिलों पर यह अंकित करवाना चाहिए कि उपभोक्ता की असंतुष्टि की स्थिति में निर्धारित समय में उत्पाद बदलें अथवा धनराशि वापस प्राप्त करें।

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बीकानेर, 4 अगस्त। जिले में उन लोगोें के शौचालय निर्माण के भुगतान लंबित हैं, जो भूमिहीन या सीमांत कृषक हैं। इनकी भूमि संबंधी रिपोर्ट प्राप्त की जा रही है, जिसके प्राप्त होते ही संबंधित बीडीओ द्वारा एसएसओ आइडी के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान कर दिया जाएगा।

ओडीएफ ग्राम पंचायतों को एसएलडब्ल्यूएम (सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट मैनेंजमेंट) के तहत ओडीएफ पंचायतों को आबादी के अनुसार 7 से 20 लाख रूपये दिए जाते हैं। वर्तमान में जिले में 44 ग्राम पंचायतों में यह प्रोजक्ट चल रहे हैं, जबकि 144 ग्राम पंचायतों के प्रोजेक्ट स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को प्रेषित किए गए हैं, जिनकी स्वीकृति प्राप्त होते ही कार्य प्रारम्भ कर दिए जाएंगे।

– मोहन थानवी

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