आज से बारां सहित सभी जिलों में होगा आज से सत्याग्रह

-छात्र नेता नरेष मीणा की रिहाई की मांग को लेकर फेला आंदोलन

baran samacharफ़िरोज़ खान
बारां, 1 अक्टूबर। छात्रों और किसानों की न्यायोचित मांगों को लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व महासचिव नेता नरेश मीणा के नेतृत्व में 2 अक्टूबर को प्रस्तावित सत्याग्रह अब राजस्थान के 33 जिलों में सोमवार को शुरू होगा। जिसकी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। गांधी जयंती को प्रस्तावित सत्याग्रह आंदोलन राजस्थान के सभी जिलों में होगा। उस दौरान जेल अभिरक्षा में बंध नरेश मीणा अनशन पर रहेंगे। यह आंदोलन राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा तथा दिल्ली के जंतर मंतर पर भी होगा। यह जानकारी रविवार को बारां में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में हरीश मीणा, एमबी मीणा, राकेश मीणा तथा अनुराग मीणा ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि बारां जिला मुख्यालय पर सैकड़ों लोगों की तादाद में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मैदान में किसान एवं छात्रों की विशाल सभा होगी। इसके बाद रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिला कलेक्टर को दिया जाएगा। पत्रकार वार्ता में सत्याग्रह से जुड़े प्रवक्ताओं ने बताया कि हाल ही दौसा जिले में जनसंपर्क को निकले छात्र नेता नरेश मीणा को पुलिस ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के दौरान बल प्रयोग कर गिरफ्तार किया था। इस दौरान उनके वाहनों व गाड़ियों के शीशे तोड़े गए। जिससे छात्र व किसानों में गहरा रोष व्याप्त हो गया था। उनका कहना है कि मीणा के नेतृत्व में 2 अक्टूबर को जयपुर में छात्र व किसानों का सत्याग्रह आंदोलन का आगाज किया जाना था। लेकिन सरकार ने पुलिस प्रशासन की ताकत झोंक कर इस सत्याग्रह को कुचलने का कुत्सित प्रयास किया है। जिसे सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि किसानों को समर्थन मूल्य, मनमाफिक बिजली के बिलों पर रोक, ऋण माफी, छात्र-छात्राओं को समय से छात्रवृत्ति, बीपीएल व एपीएल कार्ड धारक के युवाओं को निशुल्क उच्च शिक्षा मिले व साथ ही सरकार युवाओं को रोजगार दे आदि मांगों को लेकर यह सत्याग्रह किया जा रहा है। जिला मुख्यालय पर 10-10 कार्यकर्ता अनशन पर भी अपनी मांगों को लेकर बैठेंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान के जिलों में इस सत्याग्रह के समर्थन के लिए जनसंपर्क किया जा रहा है। जो सरकारी नुमाइंदों को पच नहीं रहा था। यही कारण रहा कि 26 सितम्बर को दौसा पुलिस ने तानाशाहीपूर्ण रवैया अख्तियार कर नरेश मीणा को गिरफ्तार ही नहीं किया वरन लाठियों की मार से जख्मी भी कर दिया। छात्र युवा और किसानों के लिए आवाज उठाने वालों को दमनात्मक रुप से दबाया जाना न्याय संगत नहीं है उल्लेखनीय है कि युवा छात्र समुदाय में नरेश मीणा अपनी लोकप्रियता रखते हैं। पत्रकार वार्ता में शासन एवं प्रशासन को मांग की गई हैं कि बेकसूर छात्र नेता नरेश मीणा को रिहा किया जाए।

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