कृषि एवं पशु विज्ञान मेला बना यादगार

DSC_0403बीकानेर, 6 अक्टूबर 2017। विजय भवन; वेटरनरी कॉलेज के सामने सजे हुए बड़े-बड़े पांडालों में दूरदराज के 2;000 हजार से अधिक किसान/पशुपाकों की रेलमपेल लगी रही। कभी उद्धाटन तो कभी पशु प्रतियोगिता की उद्धोषणाओं पर तेजी से उठते कदमों की धमक। कुर्सियों पर बैठे लोगों ने जहां केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का उद्बोधन सुन तालियां गुंजाई वहीं पशु पालन पर गोष्ठी में विशेषज्ञों के विचार भी ध्यान से सुने।केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री ने इस अवसर पर कृषि एवं पशुपालन की प्रदर्शनी का फीता काट कर उद्घाटन करने के बाद किसानों/पशुपालकों से खुलकर अपनी बात कही। उन्होंने वैज्ञानिकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने शैक्षणिक, वैज्ञानिक कार्यों के साथ-साथ प्रसार के कार्य में भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। कृषि और पशुपालन की नव तकनीक को उनके गांव या खेत में प्रदर्शित करें ताकि किसान इस पर तत्काल अमल कर सकें अतः वे गांवों को गोद लें। उन्होंने पशुचिकित्सा वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे वैदिक काल से चले आ रहे पशु नस्ल संवर्द्धन कार्यों को एक चुनौती के रूप में लेकर आगे बढ़ेंगे तो खुशहाली आयेगी। शेखावत ने प्रदर्शनी के प्रत्येक स्टॉल में प्रदर्शित वैज्ञानिक तकनीक, कृषि, पशुपालन उत्पादों, आदानों व उपकरणों की जानकारी ली। समारोह के विशिष्ट अतिथि राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. जे.पी. सिंघल ने कहा कि विश्व में सर्वाधिक कृषि व सिंचित भूमि और विशाल पशु संख्या वाले देश भारत का भविष्य उज्ज्वल है। समारोह में वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. छीपा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जमीन में कीटनाशकों के दुष्प्रभावों को कम किए जाने की जरूरत है।किसान संघ राजस्थान के क्षेत्रीय संगठन मंत्री कृष्ण मुरारी ने मेले को अत्यंत उपयोगी बताया। प्रारंभ में वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. त्रिभुवन शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। मेले के संयोजक और प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. ए.पी. सिंह ने बताया कि मेले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 6 संस्थानों सहित विभिन्न विभागों और कृषि विश्वविद्यालय, कृषि आदानों और उपकरणों के 60 स्टॉल में तकनीक व वैज्ञानिक रीति-नितियों का प्रदर्शन किया गया। कृषि उपनिदेशक पदेन परियोजना निदेशक आत्मा बी.आर. कड़वा ने आत्मा की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उद्घाटन समारोह में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शेखावत और अतिथियों ने वेटनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रकाशित ‘‘प्रगतिशील पशुपालक : नवाचारों से आई खुशहाली’’ पुस्तक व ‘‘पशु पालन के नये आयाम’’ मासिक प्रकाशन के ताज अंक का विमोचन किया।
किसान पशुपालक और वैज्ञानिक संगोष्ठी में मूंगफली अनुसंधान निदेशालय जूनागढ़ (गुजरात) के निदेशक डॉ. राधाकृषणन टी., केन्द्रीय शुष्क बागवानी अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. धूरेन्द्र सिंह व डॉ. श्रवण हलधर, काजरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीरबल मील, केन्द्रीय भेड़ व ऊंन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ए.के. पटेल, आत्मा के परियोजना निदेशक बी.आर. कड़वा, उप परियोजना निदेशक एम.एल. गोदारा ने व्याख्यान प्रस्तुत किये। पशु, फसल, फल व सब्जी की प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनीषा माथुर ने किया। समारोह में सत्यप्रकाश आचार्य, सहीराम दुसाद, सुरेन्द्र सिंह राठौड़, पूर्व सभापति अखिलेश प्रताप सिंह, अनिल शुक्ला विश्वविद्यालय के डीन डायरेक्टर और विद्यार्थियों ने भी शिरकत की।
– मोहन थानवी

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