जोधपुर विद्युत वितरण निगम द्वारा की जा रही वसूली के आदेश को अपास्त किया

bikaner samachar1. दिनांक 22.11.2017 को प्राकृतिक न्याय व त्वरित न्याय के आधार पर गठित बीकानेर की स्थाई लोक अदालत जिसकी अध्यक्ष डॉ॰ कमलदत्त, एवं सदस्यगण श्री दयाराम गोदारा व श्रीमती मधुलिका आचार्य हैं, ने एक प्रकरण, जिसमें प्रार्थी मोहनराम पुत्र श्री भागीरथ जाति जाट उम्र 38 वर्ष निवासी गांव पदमपुरा, मुकाम पोस्ट पदमपुरा, तहसील कुचामन सिटी जिला नागौर प्रोपराईटर मैसर्स भागीरथ डेयरी, कातर रोड, जसरासर, तहसील नोखा जिला बीकानेर ने एक प्रार्थना पत्र विरूद्ध सहायक अभियंता, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जसरासर, नोखा, जिला बीकानेर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, प्रस्तुत किया था कि प्रार्थी की भागीरथ डेयरी, कातर रोड, जसरासर, नोखा मंे स्थित है, जिसका वह संचालन करता है। प्रार्थी को जोधपुर डिस्कॉम का एक पत्र दिनंाक 29.06.2017 को प्राप्त हुआ, जिसके अनुसार तथाकथित सतर्कता जांच दिनंाक 19.12.16 के आधार पर 45,01,576/- रूपये की मांग की गई और 10 दिन में अदा नहीं करने पर कानुनी कार्यवाही का उल्लेख किया गया। प्रार्थी के द्वारा मीटर रीडिंग के अनुसार नियमित रूप से बिजली का भुगतान किया गया है, उक्त वसूली नोटिस के विरूद्ध प्रार्थी ने स्थाई लोक अदालत मंे इस बाबत् परिवाद पेश किया।
2. जिस पर स्थाई लोक अदालत में पक्षकारान की सुनवाई करते हुए दिनांक 22.11.2017 को न्याय निर्णय पारित करते हुए आदेश दिया कि चेक मीटर के आधार पर रीडिंग के अन्तर आने मात्र से अन्तर रीडिंग की वसुली दूराचार का प्रकरण मानते हुए नहीं की जा सकती है, उक्त एसेसमेंट जो किया गया है वह विधिसम्मत् रूप से नहीं किया गया है। प्रार्थी के पक्ष में विरूद्ध अप्रार्थीगण आदेश पारित किया गया कि प्रार्थी के विरूद्ध दिनंाक 01.02.17 एवं दिनांक 19.06.17 के द्वारा जो राशि 45,01,576/- रूपये की वसुली की जा रही है, उसे अपास्त किया गया साथ ही अप्रार्थीगण को निर्देशित किया गया कि वे Terms and conditions for Supply of Electricity के खण्ड 48 एवं 49 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए एवं प्रार्थी को सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए विधिसम्मत् रूप से पुनः उचित आदेश पारित करें।

उक्त प्रकरण मे प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता श्री विवेक शर्मा व अप्रार्थीगण की ओर से अधिवक्ता श्री पन्नालाल चौमाल ने पैरवी की।

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