कोचर जी के ग्रंथ सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों में पहुंचने चाहिए

बीकानेर। रामरतन कोचर के ग्रंथ को मैने जितना भी पढ़ा वास्तव में उससे यह बात जान पाई कि उनके ग्रंथ को सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों में पहुंचना चाहिए। ये जो शोध हैं उन पर हमारी युवा पीढ़ी अनुसंधान करे, जाने, समझे कि वे किस तरह के लोग थे। उक्त विचार बुधवार को नोखा रोड स्थित रामरतन कोचर सर्किल पर राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर लाड कुमारी जैन ने सुप्रसिद्ध समाजसेवी, स्वतन्त्रता सेनानी एवं पूर्व विधायक रामरतन कोचर की 36वीं पुण्यतिथि पर व्यक्त किए। प्रो. लाडकुमारी ने कहा कि स्व. कोचर के सामाजिक, राजनैतिक व धर्म के साथ-साथ जो हमारे तीन अंग हैं व्यवस्थापिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका उनके व्यक्तित्व में वो चरित्र हमें दिखाई देते हैं और प्रजातंत्र का चौथा स्तम्भ है मीडिया वो भी उनके व्यक्तित्व में समाहित है। जैन ने कहा कि उनके सारे व्यक्तित्व से एक-एक बिन्दू को निकाल कर बात करें तो वर्षों तक बात कर सकते हैं। इतना जल्दी उनको समेटा नहीं जा सकता।
स्व. रामरतन कोचर स्मारक समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. बी डी कल्ला ने कहा कि स्व. रामरतन कोचर वास्तविकता में दलितों, गरीब, मजदूर व किसानों के लिए सदैव संघर्षशील रहे। बीकानेर में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए उनके किये गये संघर्ष किसी से छुपे नहीं हैं। वे आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़ कर भाग लेने वालों में से थे और इसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और संघर्ष जारी रखा। डॉ. बी डी कल्ला ने कहा कि स्व. रामरतन कोचर के व्यक्तित्व चरित्र की झलक उनकी अगली पीढिय़ों में भी दिखाई देती है जो उनकी याद में प्रतिवर्ष ऐसे आयोजन कर गरीबों, असहायों की सेवा का कार्य कर रहे हैं।

प्रो. विनोद शास्त्री हुए पुरस्कृत
आयोजन से जुड़े विजय कोचर ने बताया कि हर वर्ष पत्रकारिता एवं साहित्य के क्षेत्र में दिये जाने वाला रामरतन कोचर स्मृति पुरस्कार इस बार साहित्य के क्षेत्र में पूर्व कुलपति, जगतगुरु रामानंदचार्य जयपुर के प्रोफेसर विनोद शास्त्री को प्रदान किया गया। कोचर परिवार की शगुन मनोत ने प्रोफेसर का तिलक कर अभिनंदन किया, माल्यार्पण पुरस्कार समिति के सचिव डॉ.धर्मचंद जैन ने किया। साफा जानकीनारायण श्रीमाली ने पहनाया एवं शॉल डॉ. बी डी कल्ला ने ओढ़ाया। वहीं पुरस्कार स्वरूप 21 हजार रुपये की राशि शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने एवं श्रीफल कांग्रेस नेता गोपाल गहलोत ने भेंट किया। प्रोफेसर विनोद शास्त्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि कुछ समय पहले ही उन्हें स्व. रामरतन जी कोचर का शोध ग्रंथ पढऩे का अवसर मिला। यह ग्रंथ हमारे लिए प्रेरणादायी है। जिस तरह से ग्रंथ में बताया गया है। वास्तविकता में दलितों के उत्थान एवं गरीबों के कल्याण के लिए उन्होंने महत्ती कार्य किये। उनके कई स्मरण पढ़े जिनसे ज्ञात होता है कि वे सदैव राजनैतिक चाटुकारिता के विरोधी रहे।
स्वागत भाषण स्व. रामरतन कोचर स्मारक समिति के सचिव डॉ.धर्मचंद जैन ने देते हुए स्व. कोचर के जीवनवृत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्व. रामरतन कोचर ने दलितों के उद्धार के लिए अनेक कार्य किये जिसके चलते उन्हें अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ा लेकिन वे अपने दृढ़ निश्चय के चलते विचलित नहीं हुए। उन्होंने दलित उद्धार के लिए, उनकी आवाज बुलंद करने के लिए संदेश पत्रिका शुरु की। इसके अलावा गरीब, मजदूर किसानों की हक की लड़ाई के लिए गणराज्य पत्रिका का भी संचालन किया। अकाल के समय उन्होंने राजस्थान रिलीफ सोसायटी का गठन कर किसानों व ग्रामीणों के लिए तन-मन-धन से कार्य किया। यही कारण है कि वे जनमानस में आज भी लोकप्रिय हैं और भाईजी के नाम से जाने जाते हैं।

ट्राइसाईकिल, सिलाई मशीनें, स्कूली पौशाक का किया वितरण
इस अवसर पर विशेष योग्यजनों भीखाराम, उमा व मूलचंद को ट्राइसाईकिल कौशल दुग्गड़ एवं बसंत नौलखा ने प्रदान की। इसके अलावा तीन महिलाओं को सिलाई मशीन संस्था द्वारा महबूब अली, चन्द्र कुमार कोचर व आनन्दमल महणोत के हाथों प्रदान करवाई गई। साथ ही 32 स्कूली पौशाकें बच्चों में वितरित की गई।

कार्यक्रम का आरंभ सुप्रसिद्ध भजन गायक मगन कोचर के संगीतमय मंगलाचरण के द्वारा हुई। जिसमें उन्होंने रामरतन कोचर की स्मृति में भजन ‘जीवन को आदर्श बनाया, मसीहा दलितन के, सहायक कृषियन के, स्वतन्त्रता सेनानी बनकर चले गांधी जी के पदचिन्हों पर राष्ट्रसंत बनकेÓ सुुनाकर उपस्थितजनों को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों सहित आगन्तुकों ने रामरतन कोचर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। मंच संचालन सरोज कोचर व जितेन्द्र कोचर ने किया वहीं कांग्रेस वरिष्ठ नेता वल्लभ कोचर, विजय कोचर व सुमित कोचर ने आगन्तुकों का आभार जताया।

इन्होंने दी पुष्पांजलि
रायसिंहनगर के पूर्व विधायक सोहन नायक, अखिल भारतीय श्री जैन महासभा के जयचंद लाल डागा, चम्पालाल डागा, डॉ.प्रभा भार्गव, युवक कांग्रेस लोकसभा बीकानेर क्षेत्र के अध्यक्ष बिशनाराम सियाग, नितिन वत्सस, कैलाश गहलोत, राहुल जादूसंगत, जयदीप वाल्मीकि, गिरीराज खेरीवाल, जुगल राठी, एडवोकेट कमल नारायण पुरोहित, पूर्व पार्षद राजेश भोजक, हेमन्त यादव, महेन्द्र बरडिय़ा, चन्द्रप्रकाश गहलोत, शरीफ समेजा, हाजी सलीम सोढ़ा, आजम अली, गुलाम मुस्तफा, सुमेरमल दफ्तरी, आनन्द सोढा , कन्हैयालाल बोथरा, बुलाकीदास देवड़ा, द्वारकाप्रसाद पचीसिया, नरेन्द्र कोचर, घेवरचंद मुसर्रफ, जेठमल कोचर, वाई के शर्मा ‘योगीÓ, लीलू नाहटा, जमालदीन गुर्जर, विजय बांठिया, सुरेन्द्र कोचर, कमल बैद, महबूब रंगरेज, दिलीप भाई पारख, जानकीदास श्रीमाली, अमजद अब्बासी, राजेन्द्रसिंह बिरकाली, एल एन खत्री, उदाराम नायक, मैक्स नायक, कमल बैद, अशोक श्रीश्रीमाल, दिनेश आचार्य, प्रदीप चौधरी, शुभकरण चौरडिय़ा, संजय बैद, ओ पी गौड़, महावीर डागा, डॉ. पी के सरीन, सलीम भाटी, विजय बांठिया, रामगोपाल चौधरी, शिव महणोत, नरेन्द्र राखेचा, महेन्द्र पुगलिया, दिनेश आचार्य,ओ पी शर्मा (महाप्रबंधक बीएसएनएल) चारु नाहटा, हेम शर्मा, अशोक सुराणा, शर्मिला पंचारिया, श्रीलाल गहलोत, शरीफ समेजा, भुपेन्द्र जैन, जितेन्द्र नायक, कैलाश कूकणा, सरला गोयल, आशा स्वामी, खूमराज पंवार, प्रोफेसर अजय जोशी, वली मोहम्मद गौरी, द्वारकादास हाटिला, नन्दलाल जावा, रतनलाल दफ्तरी, शर्मिला पंचारिया, तनसुख बांठिया, धर्मचंद बोथरा, सीमा जैन, इसरार हसन कादरी, शांतिलाल सेठिया सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन मौजूद रहे।

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