सूक्ष्म एवं वैज्ञानिक है भारतीय काल बोध संबंधी विवेचनः श्रीमाली

हिंदु उत्सव एवं त्यौहार आयोजन समिति की ओर से ‘विक्रम संवत् समारोह व इसकी वैज्ञानिकता विषयक संगोष्ठी आयोजित
बीकानेर, 19 मार्च। हिन्दु उत्सव एवं त्यौहार आयोजन समिति द्वारा सोमवार को नरेन्द्र सिंह आॅडिटोरियम में ‘विक्रम संवत् समारोह व इसकी वैज्ञानिकता’ विषय पर व्याख्यान आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के मुख्यवक्ता शिक्षाविद् जानकी नारायण श्रीमाली थे। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी कलैण्डर की उपयोगिता सिर्फ तारीखों की जानकारी तक ही सीमित है। इससे न जलवायु का बोध होता है और न ज्योतिष की सूक्ष्म गणनाओं का, जबकि हमने कालगणना के सैद्धांतिक पहलुओं का विकास एवं परिष्कार सहस्त्रों वर्ष पूर्व कर लिया था। काल की गणना करते हुए ही हमारे आचार्यों ने आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणविहीन काल में ही बता दिया था कि प्रकाश की किरणें जितने समय में एक परमाणु को पार करती है, वही समय की सूक्षमतम इकाई है। उन्होंने कहा कि हमें इस व्यवस्था पर गर्व होना चाहिए। आज भी ग्रामीण या वृद्ध परिजन तिथि, वार और नक्षत्र याद रखते हैं, लेकिन नई पीढ़ी इसे विस्मृत कर रही है।
श्रीमाली ने कहा कि आज के दौर में ऐसे कार्यक्रम सर्वाधिक प्रासंगिक हैं। इनमें युवाओं की अधिक से अधिक भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय काल बोध संबंधी विवेचन सूक्ष्म एवं वैज्ञानिक है। इसके ऐतिहासिक एवं भौगोलिक विवेचन को ध्यान में रखकर संवत्सर को महत्त्व दिया जाना चाहिए। अखिल भारतीय सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री ओ.पी. व्यास ने कहा कि विक्रम संवत को गणितीय दृष्टि से सटीक माना जाता है। यह भारतीय पंचाग और काल निर्धारण का आधार है। उन्होंने कहा कि हमें पूर्ण उत्साह के साथ नवसंवत्सर मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विक्रम संवत् के महीनों के नाम के पीछे भी वैज्ञानिकता छिपी है। प्रत्येक मास की पूर्णिमा के नक्षत्र के नाम पर इनका नाम रखा गया है।
भामस के प्रदेश महामंत्री हनुमान सिंह राव ने कहा कि विक्रम संवत् भारतीय समाज के पर्वों, त्यौहारों, विवाह सहित समस्त संस्कारों की रीढ़ है। समिति के संयोजक कालूराम उपाध्याय ने विषय प्रवर्तन किया तथा अतिथियों का परिचय करवाया। कार्यक्रम का संचालन शिवकुमार व्यास ने किया। इस दौरान पूर्व भाजपाध्यक्ष विजय आचार्य, लक्ष्मण सिंह राठौड़, भवानी शंकर, रामदेव चैधरी, रामेश्वर सुथार, लक्ष्मीचंद शर्मा, महेन्द्र कुमार, जगदीश ओझा, मधुसूदन व्यास, रूपम आचार्य, कृष्ण चंद्र पुरोहित, बंसत आचार्य, विकास छंगाणी, शिवकुमार उपाध्याय तथा गणेश कुमार सहित अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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महिला पतंजलि ने मनाया नव वर्ष व राष्ट्रीय महिला दिवस
बीकानेर, 19 मार्च। महिला पतंजलि योग समिति ने प्रतिपदा को नववर्ष व महिला दिवस उत्साह पूर्वक मनाया। महिला पतंजलि की जिला प्रभारी सुनीता गुर्जर ने बताया कि बड़ी संख्या में शहर की महिलाओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ विमला मेघवाल तथा विशिष्ट अतिथि शशि चुग थीं। अध्यक्षता डूंगर कालेज की प्राचार्या डॉ बेला भनोत ने की। मुख्य वक्ता के रूप में एम. एस. कॉलेज की व्याख्याता डॉ अजंता गहलोत मौजूद रहीं। कार्यक्रम में योग प्रदर्शन, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, कविता पाठ के अलावा बी.पी एवं शूगर की निःशुल्क जांच की गई।
डॉ विमला मेघवाल ने महिला सशक्तीकरण पर व्याख्यान दिया और बताया कि परिवार व समाज में महिलाओं की अहम भूमिका है। डॉ बेला भनोत ने महिलाओं को आध्यात्मिक शक्ति के द्वारा अपनी शारीरिक शक्ति के साथ मानसिक शक्ति का वर्धन कर समाज व राष्ट्र को अपना अमूल्य योगदान देने की बात कही। डॉ अजंता ने कहा कि योग का क्षेत्र विस्तृत हैं। महिलाओं को भी योग की ओर बढ़ना चाहिएं। कक्षा के बच्चों ने योग का सराहनीय प्रदर्शन किया। करिश्मा जोशी ने मातृ शक्ति पर कविता पाठ कर सभी का मन मोह लिया। योग कक्षा की बहनों ने भजन की सुन्दर प्रस्तुति दी। भारत स्वाभिमान के संयोजक डॉ बृजेन्द्र त्रिपाठी एवं योग साधक उपस्थित रहे।

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