मोहन भागवत सोशल मीडिया का प्रयोग नहीं करते

सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत जी सोशल मीडिया का प्रयोग नहीं करते हैं। ट्विटरए फेसबुक या किसी अन्य सोशल मीडिया पर उनका अकाउंट ही नहीं है। इसलिए ट्विटर पर उनके महापुरुषों की मूर्तियां तोड़ने के ट्वीट का तो प्रश्न ही नहीं उठता। सोशल मीडिया पर उनके नाम के सभी अकाउंट फर्जी हैं।
प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार जोधपुर के अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण मामलों के न्यायालय में पाली के नरेंद्र कुमार ने सरसंघचालक जी के विरुद्ध एक परिवाद दायर किया है। यह परिवाद एक तथाकथित ट्विटर अकाउंट जोकि पूजनीय सरसंघचालक जी के नाम से बना हुआ हैए के आधार पर दायर किया गया है। इसमें बताया गया है कि इस अकाउंट में सरसंघचालक जी ने महापुरुषों की मूर्तियां तोड़ने के लिए कहा हैए यह पूरी तरह से निराधार है। ऐसा प्रतीत होता है कि समाज में वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से कुछ लोग पूजनीय सरसंघचालक जी के नाम से ट्विटर या अन्य सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाकर इस तरह के भड़काने वाले पोस्ट करते हैं जिनका पूजनीय सरसंघचालक जी से कोई संबंध नहीं है। इसलिए ऐसी हरकतों से सावधान रहने की आवश्यकता है।

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