राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में निःशुल्क हुआ दिल का ऑपरेशन

बीकानेर। 6 साल का हर्षित अब बिलकुल स्वस्थ है और परिवार की जैसे खुशियाँ लौट आई हैं। हर्षित के दिल के छेद का सफल ऑपरेशन जयपुर के निजी अस्पताल में संपन्न हुआ। सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत ये ऑपरेशन नारायणा हृदयालय में बिलकुल निःशुल्क करवाया गया। ऑपरेशन के बाद अस्पताल से छुट्टी लेकर हर्षित अब बीकानेर अपने घर आ गया है।
पिता विक्रम सारस्वत जो बिजली मिस्त्री का काम करते हैं, ने बताया कि हर्षित शारीरिक तौर पर और बच्चों से कुछ कमजोर लगता था ही ऊपर से कोई छोटा-मोटा सर्दी जुकाम भी हो जाता तो ठीक होने में लम्बा समय लगता था। सिर्फ साढ़े 11 किलो वजन से लगता था कि शायद पाचन शक्ति कम होगी। फिर एक दिन आँगनवाड़ी पर आरबीएसके दल स्क्रीनिंग के लिए पहुंचा। हर्षित की जांच से उसके किसी गंभीर दिल की बीमारी का अंदेशा हुआ तो उन्होंने पीबीएम अस्पताल आगे की जांच के लिए रेफर कर दिया।
डीईआईसी मेनेजर योगेश पंवार बताते हैं कि हल्दीराम मूलचंद हार्ट हॉस्पिटल में हर्षित की इको जांच करवाई गई जिससे तय होगया कि हर्षित को दिल की जन्मजात बीमारी है। जब माँ-बाप को पता चला कि हर्षित के दिल में छेद है तो उनकी जैसे साँसे रुक सी गई। इकलौता बच्चा और इतनी छोटी उम्र में दिल की बीमारी का दंश, ऊपर से आर्थिक तंगी जैसे घाव पे नमक। चिकित्सक के अनुसार दिल का ऑपरेशन होना था जिस पर संभावित बड़े खर्च से तनाव की स्थिति बन गई। इको करवाने में मदद करने वाले आरबीएसके के सामाजिक कार्यकर्ता आशुराम सियाग ने बताया कि हर्षित का ऑपरेशन आरबीएसके के अंतर्गत निःशुल्क हो जाएगा तो एक बार तो विशवास नहीं हुआ था।
बीकानेर सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी के निर्देशन में हर्षित के केस को आगे बढाया गया। राज्य स्तर से स्वीकृति के बाद हर्षित को जांच के लिए जयपुर बुलाया गया। नारायणा हृदयालय में अक्षय तृतीया के शुभ दिन डॉ. प्रशांत महावर ने हर्षित का सफल ऑपरेशन कर उसे बीमारी से निजात दिला दी। जहां लगभग 2 लाख रूपए का खर्च आता वहीं उच्च स्तरीय निजी अस्पताल में ऑपरेशन हो गया सरकारी खर्च पर।
आज हर्षित के माता-पिता राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जैसी अद्भुत योजना चलाने के लिए सरकार की और योजनान्तर्गत लाभ दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एडीईओ डॉ. मनुश्री सिंह की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हैं और योजना का अपने स्तर पर प्रचार-प्रसार करने का संकल्प भी दोहराते हैं। वे बताते हैं कि बीकानेर शहरी आयुष दल के डॉ. राजेन्द्र बिश्नोई, डॉ. सुषमा बुडानिया, फार्मासिस्ट अनिल वर्मा व एएनएम सावित्री ने स्क्रीनिंग करके जांच न करवाई होती तो शायद हर्षित की असली बीमारी का पता भी न चलता।

अब तक 64 बच्चों के कराए दिल के ऑपरेशन
योजना के जिला नोडल अधिकारी आरसीएचओ डॉ. रमेश गुप्ता ने बताया कि कुदरतन हर बच्चा कुछ अलग होता है लेकिन कुदरतन कुछ बच्चों में जन्मजात बीमारियाँ भी होती हैं जिनसे निजात दिलाने में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एक अद्भुत योजना साबित हुई है। आरबीएसके योजनान्तर्गत जिले में अब तक हर्षित जैसे 64 बच्चों के कोन्जिनाईटल हार्ट डिजीज के सफल ऑपरेशन करवाए जा चुके हैं।

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