काम करेंगी तो चुनौतियां तो आएंगी ही तभी लक्ष्य तक पहुंचेंगे

जयपुर, 7 जून। ’’मैं जो काम कर रही हंू उसके सामने चुनौतियां तो आएंगी ही। तभी हम अपने लक्ष्य तक पहंुच सकते हैं।’’ यह कहना है महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री अनीता भदेल का। वे ’द हंगर प्रोजेक्ट’ की ओर से आयोजित महिला जनप्रतिनिधि एवं किशोरी के साथ राज्य स्तरीय संवाद कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष बोल रही थीं। अनीता भदेल ने वहां मौजूद उन सभी किशोरियों का अभिनन्दन किया जिन्होंने अपने गांव व समाज में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी पढ़ाई जारी रखी है और कहा कि वे अपने गांव की पहली बेटी थी जिन्होंने दसवीं पास की थी। उनकी उपलब्धी को उनके पिता व दादा ने नाच कर मनाया। उन्होंने कहा कि हम काम करते ही सीखते हैं। उन्होंने सीखने के लिए कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है।

इस कार्यक्रम में सिरोही जिले के रेवदर एवं आबूरोड तथा भीलवाडा जिले के सहाडा ब्लाक की 25 किशोरियां ( बाल एवं जल्द विवाह से प्रभावित, स्कुल से ड्रॉपआउट एवं स्कुल जाने वाली किशोरीयां ) 10 जनप्रतिनिधि ने अपने-अपने अनुभव साझा किया। किस परिस्थितियों में उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। इसी के तहत खांखला ग्राम पंचायत की सरपंच दीपिका ने कहा कि उन्होने स्कुल में शिकायत पेटी रखवाई एवं लगातार उनका अवलोकन कर समाधान करती है। यह उन लड़कियों की सहायता के लिए है जो बोल नही सकती है। इसके अलावा 55 ड्रॉपआउट लड़कियों को ओपन स्कूल के जरिए परीक्षा फार्म भवाया। सालेरा से पूनम कवंर ने बताया कि उनके गांव में स्कूल में लड़कियों से सफाई करवाते थे। वहां स्कूल में सफाई कर्मचारी की व्यवस्था करवाई। ड्रॉपआउट लड़कियों को ओपन स्कूल के जरिए परीक्षा दिलवाया। वार्ड पंच सोनम कंवर ने कहा कि वे अपने गांव में लड़कियों की पढ़ाई के लिए कार्य किया। बासन ग्राम पंचायत की तबस्सुम ने अपने बारे में बात करते हुए कहा कि उनके गांव में उनके समुदाय में भी बाल विवाह हो रहा था। इसके विरोध में उन्होंने काफी चुनौतियों का सामना किया। अपने समुदाय में पर्दा प्रथा का विरोध किया। काफी लड़कियों ने विरोध किया और आगे आई। गाडरिया समाज की दुर्गा अपने परिवार और समाज की पहली लड़की है जिसने 10वी. परीक्षा पास की है। उसने परिवार में यह कहने की हिम्मत रखी कि पढ़ाई के बाद शादी करेगी।

माहवारी और स्त्री शरीर के बारे में चर्चा करते हुए किशोरियों के मन में उपजे विभिन्न प्रश्नों ें के बारे में सवाल को दूर किया निदेशक राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण संस्थान डॉ अमिता कश्यप और मनोवैज्ञानिक डॉ प्रदन्या तथ डॉ निधि पुरोहित नेशनल हैल्थ मिशन ने। माहवारी के लिए उपजे सवालों पर डॉ अमिता ने कहा कि केवल छूने मात्र से कभी कोई लड़की गर्भवती नहीं हो सकती। किशोर अवस्था को समझना चाहिए। माहवारी के समय सफाई रखना जरूरी है। डॉ प्रदन्या ने किशोर अवस्था में विपरीत सैक्स के प्रति आकर्षण को बुरा नहीं कहा। लेकिन अपने आपको अहमियत देना पहले बताया। इस सत्र में किशोरअवस्था में होने वाले मानसिक व शारीरिक प्रभाव के बारे में समझाया।

विरेन्द्र श्रीमाली
कार्यक्रम अधिकारी
9413340182

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