आम जनता को सत्ता अपने हाथ में लेनी होगी तभी असली लोकतंत्र आएगा

बीकानेर । देश में लोकतंत्र का गठन तो आम जनता के द्वारा और आम जनता के लिए हुआ लेकिन आम आदमी आज भी अपने अधिकारों से वंचित है। सत्ता का कुछ लोग ही फायदा उठाते हैं जब तक बाकी लोग अधिकारों के लिए जागरूक नहीं होंगे तब तक देश का सही मायने में विकास नहीं होगा।

यह कहना है अभिनव राजस्थान पार्टी के संयोजक डॉ. अशोक चौधरी का जो आगामी चुनावों में राजस्थान में सभी दो सौ सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने के लिए प्रदेश का दौरा करते हुए बीकानेर पहुंचे। उन्होंने कहा आजादी के इतने सालों के बाद भी हम राजनीतिक दल और दलों की सत्ता के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं। जब तक आम आदमी को यह अहसास नहीं होगा कि सत्ता का असली मालिक तो वह खुद है तब तक सही मायने में लोकतंत्र देश में नहीं आ सकेगा।

पत्रकारों से संवाद कार्यक्रम में आज की राजनीति पर चर्चा करते हुए डॉ. चौधरी ने कहा कि आगामी चुनावों में उनकी पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पानी, बिजली और शहरी विकास के मुद्दों पर लड़ेगी और लोगों को बताएगी कि दलों की सरकारों ने हमारे बजट का सही उपयोग नहीं किया है। पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में सत्ता में आने पर प्रदेश में भूगोल व संस्कृति के हिसाब से 11 संभाग बनाने, टोल मुक्त व दुर्घटना मुक्त सड़कें बनाने,सस्ती बिजली और पूरा पानी देने, निजीकरण के स्थान पर सरकारीकरण को मजबूत करने, जैविक खेती को बढ़ावा देने, मां-बेटियों को सुरक्षा प्रदान करने और नदी-तालाब और पेड़ों के बचाने को शामिल किया है।

उन्होंने कहा कि पिछले आम चुनाव में नरेन्द्र मोदी झूठ और भ्रम का माहौल खड़ा कर सत्ता पाने में सफल रहे लेकिन अब आम जनता यह समझ चुकी है कि सत्ता में आने के बाद राजनीतिज्ञों के सुर और स्वभाव कैसे बदल जाते हैं। आगामी चुनाव में यह प्रयोग सफल नहीं होगा। हमारी पार्टी के लोग गांवों में जाकर लोगों को यह समझा रहे हैं कि आपको शासन व्यवस्था के बारे में सब कुछ जानने का हक है, बस आपको प्रयास करने की जरूरत है। इससे लोग जागरूक होकर शासन में बैठे लोगों से सवाल कर रहे हैं और इससे अधिकारी भी समझ रहे हैं।

डॉ. चौधरी ने कहा कि षड्यंत्रपूर्वक हमारी प्राकृतिक खेती और पारंपरिक उद्योगों को नष्ट किया जा रहा है। हमारे देश में 17 करोड़ हेक्टेयर जमीन है लेकिन हमारा उत्पादन दस करोड़ टन का ही है, इसके मुकाबले चीन में 10 करोड़ हैक्टेयर खेती की जमीन है लेकिन वह हमसे दुगना बीस करोड़ टन का उत्पादन कर रहा है। हमें अपनी पारंपरिक कृषि को फिर से अपनाना होगा।

चर्चा में पत्रकार दीपचंद सांखला, श्याम शर्मा, नीरज जोशी और सिद्धार्थ जोशी ने भाग लिया।

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