भंवरी मामला:सीबीआई चाहती है वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी

जयपुर। राजस्थान की राजनीति में तुफान लाने वाले एएनएम भंवरी देवी मामले में सीबीआई चाहती है कि सुनवाई के लिए अभियुक्तों को कोर्ट ले जाने की बजाय वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी चाहती है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने इस संबंध में मुख्य सचिव सी.के. मैथ्यू को इस मामले में जल्दी फैसला करने के लिए लिखा है। सीबीआई का कहना है कि 4 जून की जोधपुर कोर्ट कह घटना, जिसमें गोलियां चलाते हुए एक गैंग के सदस्य, इस मामले के एक आरोपी कैलाश जाखड़ को पुलिस हिरासत से छुड़वा ले गए थे, के बाद अभियुक्तों को कोर्ट में पेशी के लिए ले जाना खतरे से खाली नहीं। सीबीआई का यह भी कहना है कि कैलाश जाखड़ तथा विशनाराम विश्नोई, जो भागने में सफल नहीं हो सका था, की तुलना में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और कांग्रेस विधायक मलखान सिंह, अपने प्रभाव के चलते कुछ भी करने की स्थिति में है, इसलिए इन्हें जेल से बाहर ले जाना सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं। मदेरणा इस समय जोधपुर तथा मलखान सिंह अजमेर जेल में है।

पिछली सुनवाई के बाद परसो ऐसा मौका होगा जब सीबीआई अमरीका की एजेंसी एफबीआई की वह रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी, जिसमें भंवरी देवी की जली हड्डियों के परीक्षण में उसे मृतका की पाया गया था। अभी तक सीबीआई परिस्थितिजन्य प्रमाणों के आधार पर ही भंवरी देवी की हत्या का मामला पेश कर रही थी। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट के बाद भंवरी देवी की हत्या तथा उसके पीछे उद्देश्य को पुख्ता रूप से पेश किया जा सकेगा। इस मामले के सहीराम विश्नोई सहित कई अन्य आरोपियों द्वारा अपने इकबालिया बयान बदलने के कारण सीबीआई को पुख्ता मामला पेश करने में कठिनाई आ रही थी। अब भंवरी देवी की हत्या प्रमाणित होने के बाद गवाहों द्वारा बयान बदलने से आरोप साबित करने में कोई खास मुश्किल नहीं आएगी।

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