भविष्य निधि आयुक्त , आर्मी पब्लिक स्कूल, जयपुर से जवाब तलब

भविष्य निधि कानून के तहत कार्यवाही नहीं करने पर भविष्य निधि आयुक्त , आर्मी पब्लिक स्कूल, जयपुर से जवाब तलब

जयपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीष अषोक कुमार गौड़ ने भविष्य निधि की कटौती बन्द करने के कारण आर्मी पब्लिक स्कूल, जयपुर , रीजनल ऑफिसर, सैण्ट्रल बोर्ड ऑफ सैकण्डरी एजुकेषन, अजमेर व रिजनल प्रोविडेन्ट फंड़ ऑफिसर, जयपुर से जबाव तलब किया है। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बृजेष पण्डित की नियुक्ति 1-7-2002 को व्याख्याता पद पर की गई थी। आर्मी पब्लिक स्कूल द्वारा सितम्बर 2005 तक भविष्य निधि की कटौती की गई थी। उसके बाद संस्था ने भविष्य निधि कटौती बन्द कर दी। प्रार्थी ने इस सम्बन्ध में राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष अपने अधिवक्ता डी.पी.शर्मा के माध्यम से रिट याचिका प्रस्तुत कर निवेदन किया कि विपक्षी संस्था भविष्य निधि की कटौती नहीं कर रही है जो कि गैर कानूनी है इसलिए भविष्य निधि आयुक्त को निर्देष दिया जाए इस पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रार्थी को भविष्य निधि आयुक्त के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने का आदेष दिया तथा भविष्य निधि आयुक्त को निर्देष दिया कि वह 4 माह में मामले का निस्तारण करे। प्रार्थी ने भविष्य निधि आयुक्त के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया कि भविष्य निधि की कटौती नहीं करना गैरकानूनी है। भविष्य निधि आयुक्त ने प्रार्थी का आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि गैर अनुदानित संस्थाएं भविष्य निधि कानून से बाहर है। इसके विरूद्ध प्रार्थी ने रिट याचिका प्रस्तुत कर निवेदन किया कि केवल वे ही संस्थाऐं भविष्य निधि कानून से मुक्त हो सकती है जो कि राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 के तहत भविष्य निधि की कटौती कर पी.डी. खाते में जमा कराती हैं या धारा 17 के तहत छूट प्राप्त कर रखी है अतः उक्त संस्था धारा 17 के तहत छूट प्राप्त नहीं कर रखी है तथा ना ही अधिनियम 1989 के तहत भविष्य निधि की कटौती कर पी.डी. खाते में जमा करा रही है । अतः उक्त संस्था धारा 16 ;1द्ध ;इद्ध के तहत छूट प्राप्त करने की अधिकारिणी नहीं है। प्रार्थी ने अपनी याचिका में यह भी प्रार्थना की है कि भविष्य निधि आयुक्त को निर्देष दिया जावे कि वह दण्डात्मक प्रावधानों का उपयोग कर भविष्य निधि की कटौती के लिए संस्था को मजूबूर करे तथा संस्था के पदाधिकारियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही करे। मामले की सुनवाई के पश्चात् माननीय न्यायालय ने उक्त आदेष पारित किया।

डी.पी.शर्मा
मो.नं. 9414284018

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