दो अप्रैल भारत बन्द के मुकदमे वापस लेने की मांग बन्द संयोजक लक्ष्मण बडेरा ने राज्य की मुख्य मंत्री वसुंधरा राजे व गृह मंत्री गुलाब चन्द कटारिया से की है बन्द संयोजक लक्ष्मण बडेरा ने बताया कि राज्य सरकार ने दो अप्रैल भारत बन्द के दौरान पुलिस द्वारा किये फर्जी व झूठे मुकदमे वापस लेने हेतु राज्य सरकार ने तीन सदस्य मंत्रिमण्डलीय कमेटी का गठन केबिनेट मिनिस्टर अरुण चतुर्वेदी ,बाबूलाल वर्मा ,ओंकार सिंह लखावत व अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक उत्प्रेती को सदस्य बनाकर मुकदमे वापस लेने और अनूसूचित जाती व जन जाति के लोगों पर हुई ज्यादतियों की भी जांच करने हेतु हाई पावर कमेटी का राज्य सरकार ने गठन किया था और कमेटी ने मुकदमे वापस लेने हेतु जुलाई माह में राज्य सरकार को सिफरिश पेश कर दी तथा तीस जुलाई को राज्य के गृह मंत्रालय ने जिला कलक्टर बाड़मेर व जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर को को पत्र भेजकर कोतवाली बाड़मेर में दर्ज मुकदमा नंबर 126,127,128,129,130 /2018 केस वापस लेने के सम्बन्ध में टिप्पणी मांगी थी
लक्ष्मण बडेरा ने गृह मंत्री गुलाब चन्द कटारिया व ओंकार सिंह लखावत व केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को फोन पर बताया कि सरकार ने एक भी केस वापस नहीं लिया है जिससे दलित समाज में सरकार के प्रति भारी आक्रोश है सरकार ने केस वापस लेने और दलितों कि सहानू भूती बटोरने के लिए अखबारों में खबरे देकर खुश किया यदि सरकार आचार संहिता लगने से पहिले मुकदमे वापस नहीं लेती तो सरकार पर दलितों से वायदा खिलाफी का आरोप जड़ा जायेगा जिससे सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी लक्ष्मण बडेरा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगो के मुकदमे चालान पेश करने के बाद होते है इसकी जानकारी सरकार को थी कमेटी को थी तो समय रहते सरकार ने चालान पेश नहीं करवाया तो मुकदमे वापस ले नहीं सकते ऐसी सूरत में सरकार को चाहिए दर्ज सभी मुकदमों में तथ्यों के अभाव में एफ आर लगाकर दलितों से किए गए वायदों पर खरा उतरना चाहिए !